Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर व्रत रखने और विधि विधान से पूजा करने से भगवान शिव भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, सिद्धि योग समेत कई दुर्लभ योग बनने वाले हैं, जिसके कारण महाशिवरात्रि के व्रत का महत्व बढ़ गया है. इस बार महाशिवरात्रि को एक दो नहीं पुरे तीन व्रतों का लाभ प्राप्त होने वाला है. इस दिन शुक्र प्रदोष (Shukra pradosh vrat) और शुक्रवार का व्रत (Shukrawar vrat) भी रखा जाएगा. आइए जानते हैं इन व्रतों के कारण भक्तों का क्या लाभ होगा.
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महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव भक्तों पर असीम कृपा करते हैं. महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. 8 मार्च को रात नौ बजकर 58 मिनट से चतुर्दशी तिथि शुरू हो रही है और 9 मार्च को 4 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी.
शुक्र प्रदोष व्रत
इस बार महाशिवरात्रि के दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा. हर माह में त्रयोदशी की तारीख को प्रदोष का व्रत रखा जाता है. फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 7 मार्च को रात 1 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 8 मार्च को रात 9 बजकर 57 मिनट तक है. इसलिए प्रदोष व्रत 8 मार्च को रखा जाएगा. इस दिन शुक्रवार होने के कारण यह शुक्र प्रदोष व्रत होगा.
शुक्रवार का व्रत
महाशिवरात्रि, शुक्र प्रदोष के साथ-साथ इस दिन शुक्रवार को रखा जाने वाला वैभव लक्ष्मी व्रत भी रखा जाएगा. इस बार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती और माता लक्ष्मी की कृपा भक्तों को प्राप्त होगी. इसके साथ ही महाशिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धि, सिद्धि योग समेत कई दुर्लभ योग बनने वाले हैं जिसके कारण महाशिवरात्रि के व्रत का महत्व बढ़ गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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