
Maa Siddhidatri Ki Aarti Hindi Navaratri 2025: नवदुर्गा के 09 पावन स्वरूप में मां सिद्धिदात्री का विशेष महत्व माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान से पूजा करने पर साधक को अष्टसिद्धि अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व तथा वशित्व की प्राप्ति होती है और साधक को जीवन से जुड़े सभी सुख प्राप्त होते हैं. देवी सिद्धिदात्री की कृपा से उसके सारे काम बड़ी आसानी से और मनचाहे तरीके से सिद्ध होते हैं.
मां सिद्धिदात्री तमाम तरह की अलौकिक शक्तियों वाली हैं और जिस पर उनकी कृपा बरसती है, उसे जीवन में किसी भी प्रकार कोई कमी नहीं रहती है. मां सिद्धिदात्री की पूजा करने पर साधक को भोग और मोक्ष दोनों का वरदान मिलता है. हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के 09 दिनों की साधना का पुण्यफल मां सिद्धिदात्री की पूजा करने के बाद ही प्राप्त होता है, लेकिन आपकी यह पूजा तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक आप अपनी साधना के अंत में देवी की आरती का गान नहीं करते हैं. आइए मां सिद्धिदात्री की पूजा को पूर्ण बनाने वाली पावन आरती का गाकर देवी पूजा को सफल बनाते हैं.
मां सिद्धिदात्री की आरती | Maa Siddhidatri Ki Aarti
जय सिद्धिदात्री मां तू सिद्धि की दाता.
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता.
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि.
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि.
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम.
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम.
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है.
तू जगदम्बें दाती तू सर्वसिद्धि है.
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो.
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो.
तू सब काज उसके करती है पूरे.
कभी काम उसके रहे ना अधूरे.
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया.
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया.
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली.
जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली.
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा.
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा.
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता.
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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