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Labh Panchami 2025: आज है लाभ पंचमी, जानें धन की देवी मां लक्ष्मी को मनाने की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Labh Panchami 2025 Puja Vidhi: सनातन परंपरा में कार्तिक शुक्लपक्ष की पंचमी को लाभ पंचमी, सौभाग्य पंचमी और ज्ञान पंचमी आदि के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में इस पावन पर्व को बेहद शुभ और माता लक्ष्मी की कृपा बरसाने वाला माना गया है. लाभ पंचमी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व को विस्तार से जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

Labh Panchami 2025: आज है लाभ पंचमी, जानें धन की देवी मां लक्ष्मी को मनाने की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
लाभ पंचमी की पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त
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Labh Panchami 2025 Puja Vidhi And Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में कार्तिक मास को लक्ष्मी और नारायण दोनों की कृपा बरसाने वाला माना गया है. आज कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की पंचमी है, जिसे सनातन परंपरा में लाभ पंचमी के नाम से जाना जाता है. दिवाली के ठीक पांच दिन मनाए जाने वाले इस पर्व का संबंध धन की देवी माता लक्ष्मी से है, जिनकी आज विधि-विधान से पूजा करने पर उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है पूरे साल शुभता और लाभ बना रहता है. इसे सौभाग्य पंचमी और ज्ञान पंचमी आदि के नाम से भी जाना जाता है. आइए लाभ पंचमी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं. 

लाभ पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार माता लक्ष्मी की विशेष पूजा से जुड़ी कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की पंचमी 26 अक्टूबर 2025 को प्रात:काल 03:48 से प्रारंभ होकर अगले दिन 27 अक्टूबर 2025 की सुबह 06:04 बजे तक रहेगी. ऐसे में लाभ पंचमी का पर्व आज ही मनाया जाएगा. आज अभिजित मुहूर्त अभिजीत प्रात:काल 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. वहीं विजय मुहूर्त दोपहर 01:57 बजे से लेकर 02:42 बजे तक रहेगा. 

नये बहीखाता की आज से होती है शुरुआत

गुजरात में दिवाली पूजा का समापन इसी दिन से होता है और आज से ही तमाम व्यवसायी अपने कारोबार को दोबारा से प्रारंभ करते हैं. इसे गुजरात में नये साल का पहला कार्य दिवस माना जाता है. आज के दिन ही वे अपने नये बही-खाता की शुरुआत करते हैं.  

लाभ पंचमी की पूजा विधि

  • आज स्नान-ध्यान करके जब आप तन-मन से पवित्र हो जाएं तो सबसे पहले ईशान कोण में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें. सा​थ में आप भगवान शिव का भी चित्र लगाएं. इसके बाद उन्हें शुद्ध जल से पवित्र करें. इसके बाद शुद्ध घी का दीप जलाकर अपनी पूजा प्रारंभ करें. 
  • पूजा में सबसे पहले कलश देवता को स्थापित करें और उसमें जल, सुपारी, एक सिक्का, अक्षत आदि डालकर आम का पत्ते के उपर श्रीफल यानि नारियल रखें और उसकी विधि-विधान से पूजा करें. 
  • सबसे पहले प्रथम पूजनीय गणपति की पूजा फिर भगवान शिव और उसके बाद अंत में धन की देवी माता लक्ष्मी रोली, चंदन, धूप, दीप, पुष्प, फल, मिष्ठान, आदि से पूजा करें. लाभ पंचमी की पूजा के अंत में भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी की आरती अवश्य करें. 
  • यदि आप व्यवसाय से जुड़े हैं तो अपने बही-खाते में शुभ-लाभ लिखकर अपने नये वित्तीय वर्ष की शुभ शुरुआत करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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