Janmashtami 2022 Shubh Yog, Upay: जन्माष्टमी पर्व को लेकर तैयारियां अब अंतिम चरण में है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है. ज्योतिष (Astrology) के जानकारों के मुताबिक इस बार जन्माष्टमी (Janmashtami) पर ध्रुव और वृद्धि नामक दो शुभ योग बन रहे हैं. इस कारण से इस बार की जन्माष्टमी (Janmashtami 2022 Shubh Yog) खास मानी जा रही है. ऐसे में जानते हैं कि जन्माष्टमी के दिन क्या करना अच्छा रहेगा.
कन्याओं को दान करें मिठाई
ज्योतिषीय मान्यताओं के मुताबिक, अगर आप नौकरी, रोजगार या बिजनेस से जुड़ी परेशानियों के लेकर चिंता में हैं तो ऐसे में जन्माष्टमी के दिन 7 या 9 कन्याओं को सफेद मिठाई का दान कर सकते हैं. अगल मिठाई की उपलब्धता ना हो सके तो उन कन्याओं को खीर खिलाएं. हालांकि यह कार्य आपको जन्माष्टमी शुरू करके लगातार 5 शुक्रवार तक करना होगा. मान्यता है कि ऐसा करने से नौकरी और व्यापार से जुड़ी कठिनाइयां खत्म हो जाती हैं.
पूजन के दौरान श्रीकृष्ण को अर्पित करें पान
जन्माष्टमी के दिन पान के पत्ते से जुड़े खास उपाय भी किए जाते हैं. जन्माष्टमी के दिन कान्हा जी की पूजा करते समय उन्हें पान का पत्ता अर्पित करें. ऐसा करने बाद उस पान के पत्ते पर रोली से श्रीयंत्र बनाएं. इसके बार सपरिवार पान के पत्ते की पूजा करके तिजोरी में रख दें. कहा जाता है कि जन्माष्टमी के दिन ऐसा करने से आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है.
गाय और बछड़े की मूर्ति की पूजा
शास्त्रों में जन्माष्टमी (Janmashtami) के लिए एक और खास उपाय का जिक्र किया गया है. धार्मिक मन्यतानुसार, जन्माष्टमी के दिन हमें बछड़े समेत गाय की मूर्ति घर में लाकर उसकी पूजा करनी चाहिए. साथ ही गाय के साथ बांसुरी बजाते कान्हा जी (Lord Krishna) की भी पूजा शुभ फलदायी होती है. कहा जाता है कि इस उपाय से दंपति को संतान सुख की प्राप्ति होती है और परिवार में खुशियों की किलकारी गूंजने लगती है.
कृष्ण जन्माष्टमी शुभ योग | Krishna janmashtami 2022 Shubh Yog
पंचांग के अनुसार 17 अगस्त को सुबह 8 बजकर 57 मिनट से वृद्धि योग की शुरुआत हो रही है. यह शुभ योग 18 अगस्त की रात 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. वहीं ध्रुव योग 18 अगस्त को सुबह 8 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 19 अगस्त को सुबह 8 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषीय मान्यतानुसार ये दोनों शुभ योग राधा-कृष्ण की पूजा के लिए शुभ होते हैं. इन दोनों योग के दौरान राधा-कृष्ण जी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु- माता लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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