
Premanand Maharaj : प्रेमानंद महाराज का सत्संग आज हजारों लाखों लोगों को प्रेरित कर रहा है. इनके एकांतिक वार्तालाप (ekantik varatalap) में आम से लेकर खास तक पहुंचते हैं. प्रेमानंद जी महाराज की सभा में जो भी अपनी परेशानी को लेकर पहुंचता है उसका समाधान प्रेमानंद जी इतनी आसान भाषा में देते हैं कि मन हल्का हो जाता है. हाल ही में प्रेमानंद जी ने शरीर पर टैटू बनवाने को लेकर खास बात कही है, जिसके बारे में हर किसी को जानना चाहिए.
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क्यों नहीं बनवाना चाहिए शरीर के अंग पर टैटू - Why you should not get a tattoo on any part of your body
दरअसल, हाल ही में प्रेमानंद जी के सत्संग में एक व्यक्ति मिलने के लिए पहुंचा था, जिसने हाथ पर महादेव का टैटू बनवाया हुआ था. जिसे देखने के बाद प्रेमानंद जी ने कहा देवी-देवताओं के नामों में बहुत शक्ति होती है. अगर व्यक्ति नियमित रूप से भगवान का नाम जपता है, तो उसे अपने पापों से छुटकारा मिल सकता है. जैसे जप करने का नियम होता है, वैसे ही देवी-देवताओं का शरीर के किसी अंग पर टैटू बनवाने को लेकर भी एक नियम है.
महाराज ने बताया कि शरीर के किसी भी अंग पर देवी-देवताओं को टैटू के रूप में नहीं बनवाना चाहिए. जब व्यक्ति स्नान करता है, तो वह जल उस टैटू से होकर पैरों तक पहुंचता है, जो भगवान का अपमान करने जैसा होता है. इससे व्यक्ति को पाप पड़ता है.
साथ ही पूरे दिन हम लोग कई बार अपवित्र चीजों के संपर्क में आते हैं, जोकि देवी देवताओं का अनादर होता है. इससे आप भगवान की कृपा से वंचित हो सकते हैं.
प्रेमानंद जी ने मेहंदी से भी देवी-देवताओं का नाम लिखवाने के लिए मना किया है. इससे भी दोष लगता है. आपको धार्मिक प्रतीकों का सम्मान करना चाहिए. अब से आप अगर शरीक पर टैटू बनवाने के बारे में सोच रहे हैं तो प्रेमानंद जी की इस बात का जरूर स्मरण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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