Kharmas 2022: आज से समाप्त हो रहे हैं खरमास, जानिए इस दिन सूर्य स्तुति का पाठ करने के लाभ

खरमास 14 दिसंबर 2021 मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से शुरू हुआ, जो मकर संक्रांति यानि की आज (14 जनवरी, 2022) पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन समाप्त हो जाएगा. इस दिन भगवान सूर्य की इस स्तुति का पाठ करना विशेष तौर पर लाभकारी माना जाता है.

Kharmas 2022: आज से समाप्त हो रहे हैं खरमास, जानिए इस दिन सूर्य स्तुति का पाठ करने के लाभ

Kharmas 2022: जानिए खरमास की समाप्ति पर सूर्य स्तुति के पाठ का लाभ

नई दिल्ली:

नए साल 2022 की शुरूआत के पहले से खरमास चल रहे हैं. बीते साल 14 दिसंबर 2021 से खरमास शुरू हुए थे. बता दें कि सूर्य की धनु राशि में गोचर की अवधि को खरमास कहा जाता है. खरमास की शुरुआत दिसंबर के मध्य से शुरू होकर जनवरी के मध्य तक रहती है, जो कि आज समाप्त हो रही है. बता दें कि किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों खासतौर से विवाह के लिए इसे शुभ नहीं माना जाता है. आज (14 जनवरी) के दिन जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तब तक के खरमास माना जाएगा. मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है. बताया जाता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही मांगलिक और शुभ कार्य आरंभ हो जाते हैं. कहा जाता है कि खरमास में नियमित रूप से भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य देना चाहिए. इस दिन भगवान सूर्य की इस स्तुति का पाठ करना विशेष तौर पर लाभकारी माना जाता है. मान्यता है कि भगवान सूर्य की स्तुति का पाठ आरोग्य प्रदान करता है.

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।। श्री सूर्य स्तुति ।।

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।

दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सुर-मुनि-भूसुर-वन्दित, विमल विभवशाली।

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अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी।

विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।

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सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)