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This Article is From Nov 18, 2022

Ketu Mahadasha Upay: 7 साल की होती है केतु की महादशा, जानें इसका प्रभाव और खास उपाय

Ketu Mahadasha Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु की महदशा 7 साल की होती है. आइए जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में केतु के लिए क्या उपाय बताए गए हैं.

Ketu Mahadasha Upay: 7 साल की होती है केतु की महादशा, जानें इसका प्रभाव और खास उपाय
Ketu Mahadasha Upay: ज्योतिष शास्त्र में केतु को छाया ग्रह माना गया है.

Ketu Mahadasha Upay: ज्योतिष शास्त्र में केतु को छाया ग्रह कहा गया है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इसकी महादशा प्रभाव 7 साल तक रहता है. हालांकि इसका पूरा परिणाम कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर प्राप्त होता है. अगर कुंडली में केतु उत्तम स्थिति में है, तो जातक की आध्यात्मिक कार्यों में दिलचस्पी रहती है. इसके साथ ही आकस्मिक रूप से लाभ होता है. मान-सम्मान, पराक्रम और साहस में वृद्धि होती है. केतु की महादाशा के दौरान मन में सांसारिक विषयों के प्रति अरुचि पैदा हो जाता है. मनुष्य की आध्यात्मिक गतिविधियां बढ़ जाती है और तीर्थ यात्राएं करने का अवसर प्राप्त होता रहता है. वहीं अगर केतु वृश्चिक या धनु राशि में शुभ भावों में स्थित है, तो जातक सफलता की बुलंदियों को छूता है. जबकि केतु अशुभ स्थिति में है तो जटिल रोग, हादसा, और आकस्मिक रूप से हानि हो सकती है. परिवार से दूर रहना हो सकता है. समाजिक पद-प्रतिष्ठा में गिरावट हो सकती है. 

केतु की महादशा का प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 6 नक्षत्रों में पैदा हुए व्यक्ति को गंडमूल नक्षत्र का माने गए हैं. इनमें से तीन नक्षत्र जैसे कि अश्विनी, मघा और मूल नक्षत्र केतु के आधिपत्य के नक्षत्र हैं. इन नक्षत्रों को जातक के लिए नहीं बल्कि माता-पिता के लिए कष्टदायक बताया गया है. गंडमूल नक्षत्र में पैदा हुए जातक के जन्म के 27 दिन के अंदर नक्षत्र पूजा करनी चाहिए. लग्न में केतु वाला व्यक्ति चिड़चिड़े स्वभाव का होता है. यदि केतु के नक्षत्र में कई ग्रह हों तो जातक अतिमहत्वाकांक्षी होता है.

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केतु की महादशा के उपाय

केतु को शांत करने के लिए किसी भिखारी को वस्त्र दान करें.

केतु ग्रह यदि कुंडली में अशुभ स्थिति में हो तो काली गाय दान करना चाहिए.

घर के दक्षिण पश्चिम कोने में तिकोनी ध्वजा लगाए.

कुत्तों को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से केतु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है.

मंत्र ओम् कें केतवे नमः का प्रतिदिन 108 बार जाप करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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