Karwa Chauth 2022 Chandrodaya : सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat) बेहद खास महत्व रखता है. कार्तिक मास (Kartik Month 2022) के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ (Karwa Chauth Date 2022) का व्रत रखा जाता है. इस साल करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर, गुरुवार को यानी आज रखा जा रहा है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ व्रत में चंद्र दर्शन (Karwa Chauth Chandrodaya) का विशेष महत्व है. दरअसल करवा चौथ व्रत का पारण चंद्र दर्शन के बाद ही किया जाता है. सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत निर्जला रखती हैं और इस दौरान भगवान शिव, माता पर्वती और भगवान गणेश की पूजा करती है. इसके साथ ही कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर प्राप्त करने लिए इस व्रत को रखती हैं. मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत चंद्र दर्शन के बिना अधूरा है. यही वजह है कि करवा चौथ व्रत में चंद्र देव की पूजा भी अनिवार्य मानी गई है. आइए जानते हैं कि 13 अक्टूबर को करवा चौथ के दिन आपके शहर में चंद्रोदय का सही समय क्या है.
करवा चौथ 2022 चंद्रोदय समय | Karwa Chauth 2022 Chandrodaya Time
दिल्ली- 08 बजकर 09 मिनट पर
नोएडा- 08 बजकर 08 मिनट
मुंबई- 08 बजकर 48 मिनट
जयपुर- 08 बजकर 18 मिनट
देहरादून- 08 बजकर 02 मिनट
लखनऊ- 07 बजकर 59 मिनट
शिमला- 08 बजकर 03 मिनट
गांधीनगर- 08 बजकर 51 मिनट
अहमदाबाद- 08 बजकर 41 मिनट
पटना- 07 बजकर 44 मिनट पर
प्रयागराज- 07 बजकर 57 मिनट पर
कोलकाता- 07 बजकर 37 मिनट पर
बंगलूरू- 08 बजकर 40 मिनट पर
गुरुग्राम- 08 बजकर 21 मिनट पर
असम - 07 बजकर 11 मिनट पर
कानपुर- 08 बजकर 02 मिनट पर
चंडीगढ़- 08 बजकर 06 मिनट पर
लुधियाना- 08 बजकर 10 मिनट पर
जम्मू- 08 बजकर 08 मिनट पर
मध्यप्रदेश- 08 बजकर 21 मिनट पर
इंदौर- 08 बजकर 27 मिनट पर
ग्वालियर- 08 बजकर 11 मिनट पर
सतना- 08 बजकर 09 मिनट पर
करवा चौथ 2022 शुभ मुहूर्त | Karwa Chauth 2022 Shubh Muhurat
करवा चौथ बृहस्पतिवार, अक्टूबर 13, 2022
करवा चौथ पूजा मुहूर्त - 05:54 पी एम से 07:09 पी एम
अवधि - 01 घण्टा 15 मिनट्स
करवा चौथ व्रत समय - 06:20 ए एम से 08:09 पी एम
अवधि - 13 घण्टे 49 मिनट्स
करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय - 08:09 पी एम
करवा चौथ व्रत नियम | Karwa Chauth Vrat Niyam
- करवा चौथ व्रत के दिन व्रती को चंद्रोदय के समय (Karwa Chauth Moon Rise Time) चंद्र देव की पूजा करने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. इस दिन चंद्रमा तो अर्ध्य देना अनिवार्य माना गया है.
- करवा चौथ पर व्रती को इसकी कथा पूरी श्रद्धा के साथ सुननी चाहिए. मान्यता है कि इस दिन बिना करवा चौथ की कथा सुने व्रत पूरा नहीं होता है. ऐसे में हर व्रती को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
- करवा चौथ की कथा सुनने के बाद व्रती अपनी सास को बयाना देती हैं. इस निमय का खास तौर पर पालन किया जाता है.
- करवा चौथ व्रत के दिन दान की वस्तुओं में दूध, दही, चावल या सफेद वस्त्रों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसे अशुभ माना गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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