
Jitiya Vrat 2025 Paran kab hai: संतान की लंबी उम्र के लिए जिस जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत को किया जाता है, आज उसका नवमी तिथि पर पारण होगा. हिंदू मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से संतान की पूरे साल रक्षा होती है और उसे सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. जितिया व्रत पूरे तीन दिनों तक चलता है, जिसमें नहाय-खाय से लेकर महिलाएं निर्जल व्रत की परंपरा निभाती हैं. आइए जानते हैं कि आज जितिया व्रत का कब और किस विधि से पारण करना चाहिए.
कब करें जितिया व्रत का पारण (Jitiya Vrat Paran Time)
हिंदू धर्म में जिस जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) व्रत को संतान की दीर्घायु के लिए किया जाता है, आज उसका पारण सूर्योदय के बाद कभी भी किया जा सकता है. हालांकि पंचांग के अनुसार आज सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:06 से 07:31 बजे तक रहेगा. उसके बाद अमृत काल सुबह 09:05 से लेकर 10:38 बजे तक रहेगा. ऐसे में आज सुबह 6.10 के बाद इन आप इन समयों को ध्यान में रखते हुए कभी भी पारण कर सकते हैं.
कैसे करें जितिया व्रत का पारण (Jitiya Vrat Ka Paran Vidhi)
हिंदू मान्यता के अनुसार जितिया व्रत को अष्टमी तिथि पर विधि-विधान से रखने के बाद नवमी तिथि को सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में करना चाहिए. इस दिन माताएं अपने संतान की लंबी आयु की कामना करते हुए सबसे पहले प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं, फिर इसके इस व्रत से जुड़ी हुई खाद्य वस्तुएं का सेवन करके इस व्रत को खोलती हैं.
किन चीजों का खाकर होता है व्रत का पारण
जितिया व्रत की लोकपरंपरा के अनुसार इस व्रत का पारण नोनी का साग, मडुआ रोटी, खीर, दही चूड़ा आदि कर किया जाता है. इस दिन महिलाएं रागी की तोरई की सब्जी और चावल आदि भी विशेष रूप से बनाती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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