Indira Ekadashi 2021: इंदिरा एकादशी पर मिलता है पितरों को मोक्ष, ऐसे करें पूजा-पाठ

Indira Ekadashi: अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है. पितृ पक्ष में पड़ रही इस एकादशी की कथा को सुनने का विशेष महत्व है. इस साल ये 2 अक्टूबर, 2021 को पड़ रही है.

Indira Ekadashi 2021: इंदिरा एकादशी पर मिलता है पितरों को मोक्ष, ऐसे करें पूजा-पाठ

Indira Ekadashi 2021: जानिये इंदिरा एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त

खास बातें

  • इस व्रत कथा को सुनने से पितरों को मिलता है मोक्ष
  • जानिये इंदिरा एकादशी की व्रत कथा
  • जानिये इंदिरा एकादशी का शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली:

Indira Ekadashi 2021 Date: पितृपक्ष में पड़ने वाली एकादशी इंदिरा एकादशी के नाम से जानी जाती है. इस दिन उपवास रखना काफी फलदायी है. इस एकादशी को भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा-अराधना के साथ ही इंदिरा एकादशी की कथा सुनने का विशेष महत्व होता है. इस दिन उपवास करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, उससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. अगर उपवास से प्राप्त पुण्य को पितरों को दान कर दिया जाये तो उन्हें भी मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस पुण्य के लिए इंदिरा एकादशी का उपवास करना और इसकी कथा को सुनना महत्वपूर्ण है. इस साल इंदिरा एकादशी 2 अक्टूबर, 2021 को पड़ रही है. मान्यताओं के अनुसार, ये अश्विन महीना काफी खास होता है. महाभारत में भी इंदिरा एकादशी का जिक्र किया गया है. कहा जाता है कि इस उपवास के बारे में स्वयं भगवान श्रीकृष्‍ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था. आइये जानते हैं इस व्रत की कथा.

एकादशी की व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, सतयुग में महिष्मति नाम का एक नगर था, जिसमें प्रतापी राजा इंद्रसेन रहता था. राजा इंद्रसेन अपनी संतान की तरह प्रजा का पालन-पोषण करता था. राजा इंद्रसेन के राज में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं थी. बताते हैं कि राजा इंद्रसेन भगवान श्री हरि विष्णु के बहुत बड़े उपासक थे. एक समय नारद मुनि का आगमन राजा इंद्रसेन की सभा में हुआ. वे राजा इंद्रसेन के पिता का संदेश लेकर आये थे. संदेश में पिता द्वारा कहा गया था कि पिछली जन्म में किसी भूल के कारण वह यमकोल में ही हैं. यमलोक से मुक्ति के लिए उनके पुत्र को इंदिरा एकादशी का व्रत रखना होगा, ताकि मोक्ष प्राप्त हो सके. नारद मुनि के सुझाव के बाद आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी को राजा इंद्रसेन ने व्रत रखा. व्रत से प्राप्त पुण्य को अपने पिता को दान कर दिया. जिसके चलते राजा इंद्रसेन के पिता नरक से मुक्त होकर भगवान श्री हरि विष्णु के लोक बैकुंठ में चले गए.

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Indira Ekadashi 2021:  इंदिरा एकादशी की कथा का महत्व

इंदिरा एकादशी का शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ- 1 अक्टूबर 2021 को 11:03 पीएम
  • एकादशी तिथि समाप्त- 2 अक्टूबर 2021 को 11:10 पीएम
  • इंदिरा एकादशी पारण का समय- 3 अक्टूबर 2021 को 06:15 एएम से 08:37 एएम तक