Dipawali festival : जानिए भारत में कहां-कहां नहीं मनाया जाता दीपावली का त्योहार, ये रही लिस्ट

Festival 2022 : क्या आपको पता है हिन्दू धर्म के मानने वालों का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली भारत के कुछ हिस्सों में नहीं मनाया जाता है.  यहां तक कि गणेश लक्ष्मी की पूजा तक नहीं की जाती है.

Dipawali festival : जानिए भारत में कहां-कहां नहीं मनाया जाता दीपावली का त्योहार, ये रही लिस्ट

दक्षिण भारत के केरल राज्य में दीपावली का त्योहार नहीं मनाया जाता है.

festival of dipawali : रोशनी का त्योहार दीपावली पूरे भारत में धूम धाम के साथ मनाया जाता है. दशहरा के ठीक बीस दिन बाद पड़ने वाले इस फेस्टिवल को 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की घर वापसी की खुशी में मनाया जाता है. आज के दिन लोग अपने घरो में दिए जलाते है देवी लक्ष्मी औऱ गणेश की पूजा करते हैं. मिठाइय़ां बांटते हैं. लेकिन क्या आपको पता है हिन्दू धर्म के मानने वालों का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली भारत के कुछ हिस्सों में नहीं मनाया जाता है.  यहां तक कि गणेश लक्ष्मी की पूजा तक नहीं की जाती है.

भारत में कहां-कहां नहीं मनाई जाती दीपावली

दक्षिण भारत का राज्य केरल में दीपावली का त्योहार नहीं मनाया जाता है.  इसके पीछे का कारण यह है कि इस दिन केरल के राजा महाबली की मृत्यु हो गई थी इसकी वजह से यहां के लोग नहीं मनाते हैं. सिर्फ कोच्चि शहर में लोग मनाते हैं. यहां तक की तमिलनाडु के भी कुछ जगहों पर दीपावली का त्योहार नहीं मनाते हैं. 

कब है दीपावली 

इस साल दीपावली का त्योहार 24 अक्टूबर दिन सोमवार को पड़ रहा है. 23 तारीख को छोटी दीपावली है.

दिवाली पर पूजा के लिए जरूरी चीजें 

  • दीवाली के दिन दीप का खास महत्व होता है. इस दिन सिर्फ मिट्टी, धातु के दीपक की प्रधानता रहती है. दरअसल मिट्टी पंचतत्वों में से एक है. यही वजह है कि दिवाली के दि मिट्टी के दीपक को अधिक महत्व दिया जाता है. 

  • दिवाली पर्व पर कौड़ी का खास महत्व है. दरअसल ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कौड़ी मां लक्ष्मी का प्रतीक है. दिवाली के दिन चांदी के सिक्के के साथ कौड़ी की पूजा की जाती है. पूजन के बाद कौड़ी को लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रखा जाता है. 

  • दिवाली के दिन मंगल कलश की पूजा का विधान शास्त्रों में बताया गया है. इस दिन पूजा स्थान पर भूमि पर अष्टदल कमल की आकृति बनाकर उस पर मंगल कलश रखा जाता है और उसकी पूजा की जाती है. मां लक्ष्मी की पूजा से पहले एक कांसा, तांबा, चांदी या सोने के कलश में जल भरकर उसमें आम का पल्लव रखा जाता है और उसके ऊपर नारियल रखा जाता है. 

  • मां लक्ष्मी को समर्पित श्रीयंत्र धन-वैभव का प्रतीक माना जाता है. श्रीयंत्र सबसे लोकप्रिय और प्रचीन है. मान्यता है कि दिवाली के दिन श्रीयंत्र की विधिवत स्थापना और उसका पूजन करने से मां लक्ष्मी हमेशा प्रसन्न रहती हैं.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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