Karwachauth 2022 : करवाचौथ का व्रत अगले महीने की 13 तारीख को रखा जाएगा. यह व्रत सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. पति की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए रखे जाने वाले कठिन व्रतों में से एक है. इस व्रत में महिलाएं बिना अन्न और जल ग्रहण किए पूरे दिन उपवास (Karwachauth fast) रहती हैं. फिर चंद्रोदय (karwachauth chandrouday) होने के बाद पति के हाथों से पानी पीकर उपवास खोलती हैं. आपको बता दें कि करवाचौथ का व्रत पूरे भारत में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है जिसके बारे में हम यहां पर आपको बताएंगे.
किस राज्य में कैसे मनाया जाता है करवाचौथ
- शुरूआत करते हैं पंजाब (Panjab) से, क्योंकि इस व्रत को प्रसिद्धि इसी राज्य से मिली है. यहां पर व्रत खोलने के बाद व्रती महिलाएं 36 प्रकार के खाने को मिलते हैं जो उनकी सास ने उनके लिए बनाए होते हैं. इसे खार ही वो व्रत को खोलती हैं.
- राजस्थान (Rajasthan) में तो इसका अलग ही रंग होता है. यहां पर आपको पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली चलनी और थाली को खूब सजाया जाता है. उसको रंग बिरंगी रंगों से सजाया जाता है.
- दिल्ली (Delhi) में पूजा की थाली में में अर्घ्य देने जाने वाली लोटिया और थाली दोनों ही चांदी की होती है. इसके अलिया उसमें रोली और चंदन रखने के लिए कटोरियां भी सिलवर की होती हैं.
- महाराष्ट्र (Mumbai) में तो इस दिन पति अपनी पत्नी को तोहफे में सोन या चांदी का सामान उपहार में देते हैं. यहां पर भी महिलाएं थाली को सुंदर सुंदर रंगों से सजाती हैं. इन सबके अलावा महिलाएं व्रत के दिन भोर में उठकर सरगी खाती हैं. उसके बाद पूरा दिन उपवास रहती हैं.
पंचांग के मुताबिक करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का विशेष महत्व है. इस दिन व्रती महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं. इस बार करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय रात 08 बजकर 10 मिनट है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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