रंगों का त्योहार होली (Holi 2020) अब कुछ ही दिन दूर है और ऐसे में बहुत सी जगहों पर अभी से ही इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. जिस तरह मथुरा (Mathura) में नवमी और दशमी से होली शुरू होती है. उसी तरह वाराणसी (Varanasi) में एकादशी के दिन से होली की शुरुआत हो जाती है. इसे रंगभरी एकादशी कहा जाता है. इस दिन सबसे पहले बाबा विश्वनाथ की पूजा की जाती है और इसके बाद भस्म से होली खेली जाती है. चिता राख से खेले जानी वाली इस होली के रंग काशी में ही देखने को मिलते हैं. यहां लोग चिता की राख से अपने जीवन को सफल बनाने की कामना करते हुए होली खेलते हैं.
इसी बीच न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो शेयर किया है. यह वीडिया वाराणसी के मणिकर्णिका घाट का है. वीडियो में कई सारे लोग चिता भस्म से होली खेलते हुए और जश्न मनाते हुए नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही लोग मस्ती से नाच रहे हैं और एक दूसरे को गुलाल लगा रहे हैं. लोग यहां इस जन्म से मुक्ति और महादेव की भक्ति कर मोक्ष प्राप्ति के लिए हर साल होली खेलने आते हैं.
#WATCH People at Varanasi's Manikarnika Ghat smear pyre ash on each other to celebrate #Holi pic.twitter.com/R6nCcsoVGW
— ANI UP (@ANINewsUP) March 6, 2020
इस होली के पीछे मान्यता ये है कि शिवरात्रि के दिन विवाह के बाद बाबा इस दिन मां पार्वती का गौना कराकर वापस लौटते हैं. लिहाजा देवलोक के सारे देवी देवता भी इस दिन स्वर्ग लोक से बाबा के ऊपर गुलाल फेंकते है. इस दिन काशी विश्वनाथ मंदिर के आस पास की जगह अबीर और गुलाल के रंगों से सराबोर हो जाती है. भक्त जमकर बाबा के साथ होली खेलते हैं.
(इनपुट एएनआई से भी)
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