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This Article is From Nov 12, 2021

Gopashtami 2021: गोपाष्टमी के दिन गौ माता की इस विधि से करें पूजा, इन वरिष्ठ नेताओं ने दी शुभकामनाएं

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन गोपाष्टमी (Gopashtami 2021) पर्व मनाया जाता है. इस दिन गायों की पूजा और प्रार्थना की जाती है. जानिए इस पर्व की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व.

Gopashtami 2021: गोपाष्टमी के दिन गौ माता की इस विधि से करें पूजा, इन वरिष्ठ नेताओं ने दी शुभकामनाएं
Gopashtami 2021: गोपाष्टमी पर होती हैं गायों की पूजा, जानें पूजा विधि व शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली:

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन गोपाष्टमी (Gopashtami 2021) पर्व मनाया जाता है. इस दिन गायों की पूजा और प्रार्थना की जाती है. इस साल यह पर्व 12 नवंबर यानि आज शुक्रवार के दिन मनाया जा रहा है. गोवर्धन पूजा के आठ दिन बाद गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है. यह पर्व भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन गौ माता की पूजा से घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तक भगवान श्री कृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत धारण किया था, जिसके आंठवे दिन इंद्र देव अपना क्रोध त्याग कर श्री कृष्ण से क्षमा मांगने पहुंचे थे. इसके बाद से ही कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा.

गोपाष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त (Gopashtami Shubh Muhurat 2021)

  • गोपाष्टमी की तिथि- 12 नवंबर, 2021.
  • अष्टमी तिथि प्रारंभ- 06:49 सुबह 12 नवंबर, 2021.
  • अष्टमी तिथि समाप्त- 05:51 सुबह 13 नवंबर, 2021.

गोपाष्टमी का महत्व (Gopashtami Importance)

हिंदू धर्म में गाय को पवित्र स्थान प्राप्त है. कहते हैं गाय में कई देवी-देवताओं का वास होता है और इसलिए गाय को पूजनीय स्थान प्राप्त है. गोपाष्टमी का ये पर्व गौधन से जुड़ा है. मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गाय को चराने के लिए पहली बार घर से निकले थे, जिसके बाद से इस तिथि को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाने लगा.

ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इंद्र देव के प्रकोप से गोप और गोपियों की रक्षा की थी, जिसके बाद से गोपाष्टमी पर्व ब्रज में काफी धूमधाम से मनाया जाने लगा. मान्यता है कि इस दिन गाय व उसके बछड़े की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

पौराणिक ग्रंथों में कामधेनु का जिक्र भी मिलता है, जिनकी उत्पत्ति देवता और असुरों द्वारा सुमद्र मंथन के दौरान हुई थी. ऐसा माना जाता है कि गोपाष्टमी के दिन पूर्व संध्या पर गाय की पूजा करने वाले लोगों को सुख समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

गोपाष्टमी की पूजा विधि (Gopashtami Pujan Vidhi)

  • गोपाष्टमी के दिन सुबह गायों को स्नान कराएं.
  • गंध-पुष्प आदि से गायों की पूजा करें.
  • इस दिन गायों की पूजा के बाद उनकी परिक्रमा की जाती है.
  • इस दिन ग्वालों को उपहार आदि देकर उनका सम्मान करना चाहिए.
  • इस दिन गायों को बहुत ही अच्छी तरह सजाया जाता है.
  • पूजन के बाद गायों को भोजन कराया जाता है.
  • शाम के समय गायों का पंचोपचार पूजन करके उन्हें कुछ खाने को दें.
  • गौमाता के चरणों की मिट्टी को माथे पर लगाएं और उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करें.

गोपाष्टमी पर्व के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'कू' (Koo App) पर सभी प्रदेशवासियों को गोपाष्टमी की शुभकामनाएं दी हैं.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'कू' (Koo App)पर सभी को गोपाष्टमी पर्व की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने लिखा, कोटि-कोटि देवी-देवताओं को स्वयं में समाहित रखने वाली गौमाता के आराधना पर्व #Gopashtami की हार्दिक शुभकामनाएं!

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