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This Article is From Dec 18, 2018

Gita Jayanti 2018: कैसे हुआ श्रीमद्भगवद्गीता का जन्म? जानिए गीता जयंती के बारे में सबकुछ

हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता (Bhagavad Gita) की उत्पत्ति मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण ने की थी. साल 2018 में मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी 18 दिसंबर को है.

Gita Jayanti 2018: कैसे हुआ श्रीमद्भगवद्गीता का जन्म? जानिए गीता जयंती के बारे में सबकुछ
श्रीमद्भगवद्गीता का कैसे हुआ जन्म?
नई दिल्ली: हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता (Bhagavad Gita) की उत्पत्ति मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण ने की थी. साल 2018 में मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी 18 दिसंबर को है. गीता की उत्पत्ति के इस दिन को गीता जयंती (Gita Jayanti) के तौर पर मनाया जाता है. गीता जयंती के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ किया जाता है और देशभर में भगवान कृष्ण और गीता की पूजा की जाती है. बता दें, श्रीमद्भगवद्गीता में कुल 18 अध्याय हैं, जिनमें 6 अध्याय कर्मयोग, 6 अध्याय ज्ञानयोग और आखिर के 6 अध्याय भक्तियोग पर आधारित हैं. इसी गीता के अध्यायों से ही श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिए थे. 

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श्रीमद्भगवद् गीता का जन्‍म
भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के दौरान कशमकश में फंसे अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता से ही उपदेश दिए. ताकि वह कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को उनके कर्तव्य और कर्म के बारे में राह दिखा सकें. मान्यता के अनुसार कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन अपने विपक्ष में परिवार के लोगों और संबंधियों को देखकर भयभीत हो गए थे. साहस और विश्वास से भरे अर्जुन महायुद्ध का आरम्भ होने से पहले ही युद्ध स्थगित कर रथ पर बैठ जाने लगते हैं.

वो श्री कृष्ण से कहते हैं, 'मैं युद्ध नहीं करूंगा. मैं पूज्य गुरुजनों तथा संबंध‍ियों को मार कर राज्य का सुख नहीं चाहता, भिक्षान्न खाकर जीवन धारण करना श्रेयस्कर मानता हूं.' ऐसा सुनकर सारथी बने भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उनके कर्तव्य और कर्म के बारें में बताया. उन्‍होंने आत्मा-परमात्मा से लेकर धर्म-कर्म से जुड़ी अर्जुन की हर शंका का निदान किया.

भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुआ यह संवाद ही श्रीमद्भगवद गीता है. जिस दिन श्रीकृष्‍ण ने अर्जुन को उपदेश दिया उस दिन मार्गशीर्ष शुक्‍ल एकादशी थी. इस एकदाशी को मोक्षदा एकादशी भी कहा जाता है. मोक्षदा एकादशी के द‍िन ही गीता जयंती मनाई जाती है. 

कैसे मनाई जाती है गीता जयंती
गीता जयंती के दिन घरों और मंदिरों में श्रीमद्भगवद गीता का पाठ किया जाता है. वहीं, कई लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं.

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