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This Article is From Dec 12, 2023

Geeta Jayanti 2023: कब है गीता जयंती, जानिए इस बार बन रहे हैं कौनसे योग

Geeta Jayanti Puja: गीता एकमात्र ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है. हर वर्ष मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है.

Geeta Jayanti 2023: कब है गीता जयंती, जानिए इस बार बन रहे हैं कौनसे योग
Geeta Jayanti Shubh Yog: गीता जयंती पर गीता का पाठ करना माना जाता है बेहद शुभ.

Geeta Jayanti 2023: मान्यतानुसार कर्म का ज्ञान प्रदान करने वाली गीता में भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश संग्रहित हैं. महाभारत के दौरान कुरुक्षेत्र में अर्जुन के मनोबल हार जाने पर श्रीकृष्ण (Shri Krishna) ने उन्हें अपने कर्म करने का ज्ञान दिया था. गीता एकमात्र ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है. हर वर्ष मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती (Geeta Jayanti ) मनाई जाती है. मान्यता है कि गीता जयंती के दिन कुछ विशेष कार्य करने से मोक्ष का मार्ग आसान हो जाता है. आइए जानते हैं कब है गीता जयंती और उससे जुड़े उपाय. 

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गीता जयंती की तिथि और शुभ योग

पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी 22 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 23 दिसंबर की सुबह 7 बजकर 10 मिनट तक है. गीता जयंती 22 दिसंबर को मनाई जाएगी. गीता जयंती के दिन सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग और शिव योग (Shiv Yog) भी बन रहे हैं. मान्यता है कि गीता जयंती के दिन शुभ योगों में गीता पाठ और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा से सभी कार्य सफल हो जाते हैं.

  • शिव योग - 22 दिसंबर सुबह 11 बजकर 11 मिनट से 23 दिसंबर सुबह  9 बजकर 8 मिनट तक
  • सर्वार्थ सिद्धि योग -22 दिसंबर सुबह 7 बजकर 9 मिनट से रात 9 बजकर 36 मिनट तक
  • रवि योग - 22 दिसंबर सुबह 7 बजकर 9 से रात 9 बजकर 36 मिनट तक
करें ये तीन काम

गीता जयंती के दिन गीता का पाठ करना चाहिए. गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक है जो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकले हैं. इन सभी में जीवन का रहस्य छिपा है. इसने पाठ से जीवन के सभी समस्याओं का समाधान मिल जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को पीले रंग के फूल चढ़ाएं और ऊं क्लीं कृष्णाय वासुदेवास हरि परमात्मने प्रणत: क्लेश्राशय गोविंदाय नमो नम: मंत्र का पाठ कर सकते हैं. इससे मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है. इस दिन मंदिर में केले का पेड़ लगाएं और उसकी देखभाल का संकल्प करें. मान्यतानुसार इससे आर्थिक परेशानियां कम हो सकती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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