
- उत्तराखंड में खराब मौसम के कारण बद्रीनाथ हाइवे पर बड़ा बोल्डर गिरने से एक महिला की मौत हुई और चार लोग घायल.
- चमोली के सबाड़ गांव के पास शिवानंदी के समीप वाहन पर बोल्डर गिरने के बाद यात्रियों का इलाज अस्पताल में जारी है.
- रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने भारी बारिश की चेतावनी के चलते केदारनाथ यात्रा को तीन दिन के लिए रोक दिया है.
देवभूमि उत्तराखंड में मौसम लगातार खराब बना हुआ है. मौसम खराब होने के चलते यहां बद्रीनाथ हाइवे भी मुश्किलों में घिर गया है. जो तस्वीरें इन दिनों यहां से आ रही हैं, वो वाकई परेशान करने वाली हैं. मंगलवार को यहां पर एक वाहन पर बड़ा सा बोल्डर आ गिरा. इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि बताया जा रहा है कि 4 लोग इसमें घायल हैं. घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है.
बंद हुई केदारनाथ यात्रा
बताया जा रहा है कि चमोली से देवाल ब्लॉक के सबाड़ गांव से जब एक वैन देहरादून के रास्ते थी तो उसी समय यह हादसा हुआ है. गाड़ी में ड्राइवर समेत पांच लोग सवार थे. स्थानीय लोगों की मानें तो हादसा शिवानंदी के करीब गाड़ी पर एक बड़ा सा बोल्डर आ गिरा. इस हादसे में मृतक एक महिला और उसकी 60 साल बताई जा रही है. रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए केदारनाथ यात्रा को अगले तीन दिनों के लिए 14 अगस्त तक रोक दिया है.
भारी बारिश का अलर्ट
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि देहरादून में मौसम विज्ञान केंद्र ने 12, 13 और 14 अगस्त को रुद्रप्रयाग सहित प्रदेश भर में कई जगहों पर भारी वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, 'भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत केदारनाथ धाम की यात्रा को एहतियातन अगले तीन दिनों के लिए अस्थायी रूप से रोका गया है.'
अलर्ट सिस्टम को टेस्ट किया गया है और नेशनल हाइवे के ‘डेंजर जोन' (खतरे वाले क्षेत्र) में 24 घंटे जेसीबी व पोकलैंड मशीनें तैनात कर दी गई हैं. साथ ही नदी के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है.
लगातार बढ़ रहा जलस्तर
दूसरी ओर उत्तराखंड में उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त धराली में खीरगाड़ नदी का जलस्तर मंगलवार को अचानक फिर बढ़ने के बावजूद तलाश और बचाव अभियान जारी रहा. जबकि मौसम साफ होते ही हेलीकॉप्टरों के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र में खाद्य तथा राहत सामग्री भेजे जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया. अधिकारियों ने यहां बताया कि आपदा के बाद हर्षिल हेलीपैड के निकट भागीरथी नदी का जलप्रवाह रूकने से बनी अस्थाई झील को खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं. वहीं, गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर लिमचागाड़ पुल बनने के बाद प्रभावित क्षेत्र तक सड़क संपर्क बहाल करने के लिए भी युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है. मलबे में लापता लोगों की तलाश के लिए ग्राउंड पैनीट्रेटिंग रडार (जीपीआर) और रेस्क्यू रडार की मदद ली जा रही है.
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