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This Article is From May 19, 2022

Ganga Dussehra 2022: गंगा दशहरा की तिथि, शुभ मुहूर्त; पूजा विधि और महत्व

Ganga Dussehra 2022: ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है. इस दिन गंगा नदी में स्नान का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आई थीं.

Ganga Dussehra 2022: गंगा दशहरा की तिथि, शुभ मुहूर्त; पूजा विधि और महत्व
Ganga Dussehra 2022: गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान का खास महत्व है.

Ganga Dussehra 2022: गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. गंगा को सिर्फ नदी नहीं, बल्कि पतितपावनी मां गंगा कहा गया है. मां गंगा (Maa Ganga) को बेहद पवित्र माना जाता है. इसलिए हर पूजा-पाठ और यज्ञ-अनुष्ठान के दौरान गंगाजल (Gangajal) का इस्तेमाल किया जाता है. गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) को गंगा अवतरण के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन गंगा स्नान का बेहद महत्व बताया गया है. आइए जानते हैं गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2022) का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में.

गंगा दशहरा 2022 शुभ मुहूर्त | Ganga Dussehra 2022 Date and Shubh Muhurat

पंचांग के मुताबिक इस बार गंगा दशहरा 09 जून, गुरुवार को है. इस दिन दशमी तिथि का आरंभ सुबह 8 बजकर 21 मिनट से हो रहा है. वहीं दशमी तिथि की समाप्ति 10 जून को सुबह 7 बजकर 25 मिनट पर होगी. इसके अलावा हस्त नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है. हस्त नक्षत्र की शुरुआत 9 जून को सुबह 4 बजकर 31 मिनट पर होगी. जबकि इसकी समाप्ति 10 जून को सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर होगी. 

गंगा दशहरा का महत्व | Ganga Dussehra 2022 Significance

हिंदू धर्म में गंगा दशहरा को बेहद खास महत्व दिया गया है. धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को मां गंगा का आगमन हुआ था. मतलब इस दिन मां गंगा स्वर्ग के धरती पर आई थीं. माना जाता है कि गंगा दशहारा के दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं. इसके अलावा इस दिन दान का भी विशेष महत्व है. 


गंगा दशहरा पूजा विधि | Ganga Dussehra 2022 Puja Vidhi

गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने की परंपरा है, इसलिए लोग इस दिन गंगा में डुबकी लगाते हैं. आप चाहें तो अपने आस-पास के किसी अन्य नदी या तालाब में भी स्नान कर सकते हैं. स्नाने के वक्त 'गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती,  नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु' इस मंत्र का जाप किया जा सकता है. अगर इस दिन गंगा या किसी अन्य नदी में स्नान करने का संयोग नहीं बन रहा है तो घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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