एक सीमित-संस्करण पुस्तक 'श्रीनाथजी का श्रृंगार' सदियों पुरानी पुष्टिमार्ग परंपरा के 60 पूर्व अप्रकाशित लघु चित्रों को सूचीबद्ध करती है. यह किताब दिवंगत गोकल लाल मेहता के लघु नाथद्वारा चित्रों के पारिवारिक संग्रह का एक राजसी दृश्य संकलन है. पुस्तक प्रसिद्ध विद्वान अमित अंबाला द्वारा लिखित है. इसे मैपिन द्वारा प्रकाशित किया गया है.
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दिवंगत गोकल लाल मेहता के सबसे बड़े पोते विचारक वी गोयल ने कहा, बड़े होने के दौरान, मैंने अक्सर अपने दादाजी को यह कहते सुना था कि कैसे इन चित्रों के पारिवारिक संग्रह को सभी के देखने के लिए एक पुस्तक में प्रकाशित किया जाए. ये रचनाएं उन्हें बहुत प्रिय थीं. मौका तब आया, जब मैं रात के भोजन के समय पर मैपिन के बिपिन शाह के पास गया और हम बात करने लगे.
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उन्होंने कहा, कई मायनों में पुस्तक भारत की पारंपरिक कलाओं को एक समकालीन नजरिया प्रदान करने का प्रयास है. कलाकृतियां नाथद्वारा स्कूल की हैं, जिसका नाम राजस्थान के नाथद्वारा मंदिर में देवता के नाम पर रखा गया है.
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