भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण शाम 5 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगा.
नई दिल्ली:
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण आज यानि 26 फरवरी को लगने जा रहा है. भारतीय समयानुसार यह ग्रहण शाम 5 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगा और रात 10 बजकर 1 मिनट तक चलेगा. हालांकि यह ग्रहण भारत में पूर्ण रूप से दिखाई नहीं देगा, यहां यह आशिंक रूप से दिखाई देगा. भारत के अलावा यह सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा. सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है, और ये घटना तभी होती है जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरती है.
भारत में कब से कब तक दिखेगा ग्रहण
रविवार को 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होने वाले सूर्य ग्रहण को भारत में आशिंक रूप से पहली बार शाम 6 बजकर 45 मिनट पर ही देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण रात के 8 बजकर 28 मिनट पर अपनी अधिकतम अवस्था में होगा, लेकिन भारत में इस समय रात हो चुकी होती है इसलिय यह यहां दिखाई नहीं देगा. सूरज की ऐसी खगोलीय स्थिति मात्र 1 मिनट 22 सेकेंड ही रहेगी. रात 10 बजकर 01 मिनट पर सूर्य ग्रहण पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
वैज्ञानिक मान्यता
सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी के उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव प्रभावित होते हैं. इसलिए यह अवधि ऋणात्मक मानी जाती है. सूर्य से अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए सूर्यग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है.
नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. इसको देखने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणित टेलिस्टकोप का ही इस्तेमाल करना चाहिए. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए वैसे चश्में का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें अल्ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने की क्षमता हो.
क्या करें गर्भवती महिलाएं :
- ग्रहण व सूतक अवधि में घर से बाहर न निकलें.
- ग्रहण को देखने की कोशिश न करें.
- भगवान का जप-ध्यान करें.
भारत में कब से कब तक दिखेगा ग्रहण
रविवार को 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होने वाले सूर्य ग्रहण को भारत में आशिंक रूप से पहली बार शाम 6 बजकर 45 मिनट पर ही देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण रात के 8 बजकर 28 मिनट पर अपनी अधिकतम अवस्था में होगा, लेकिन भारत में इस समय रात हो चुकी होती है इसलिय यह यहां दिखाई नहीं देगा. सूरज की ऐसी खगोलीय स्थिति मात्र 1 मिनट 22 सेकेंड ही रहेगी. रात 10 बजकर 01 मिनट पर सूर्य ग्रहण पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
वैज्ञानिक मान्यता
सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी के उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव प्रभावित होते हैं. इसलिए यह अवधि ऋणात्मक मानी जाती है. सूर्य से अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए सूर्यग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है.
नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. इसको देखने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणित टेलिस्टकोप का ही इस्तेमाल करना चाहिए. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए वैसे चश्में का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें अल्ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने की क्षमता हो.
क्या करें गर्भवती महिलाएं :
- ग्रहण व सूतक अवधि में घर से बाहर न निकलें.
- ग्रहण को देखने की कोशिश न करें.
- भगवान का जप-ध्यान करें.
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