देश में एक ओर जहां शिंगनापुर शनि मंदिर, सबरीमाला मंदिर, हाजी अली दरगाह आदि जैसे धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के प्रवेश पर विवाद गहराया हुआ है, वहीं जैसलमेर के एक मंदिर की बात ही अनूठी है, जहां महिला पुजारिन ही भगवान की सेवा करती हैं और पूजा करवाती हैं।
जैसलमेर के खेतपाल मंदिर में पुजारिन भी महिला हैं और यहां पूजा करने के लिए जोड़े में आना जरूरी है यानी अपनी अर्धांगिनी साथ लाए बिना आप यहां पूजा नहीं कर सकते हैं।
खेतपाल महाराज को यहां के स्थानीय निवासी क्षेत्रपाल और भैरव भी कहते हैं। मान्यता है कि वे जैसलमेर शहर के रक्षक हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि हैं कि प्राचीन में काल में सिंध से सात बहनें आयीं थी, जो देवियों के रूप में जैसलमेर के कोने-कोने में विराजमान हैं। खेतपाल महाराज उनके भाई हैं।
जैसलमेर के खेतपाल मंदिर में पुजारिन भी महिला हैं और यहां पूजा करने के लिए जोड़े में आना जरूरी है यानी अपनी अर्धांगिनी साथ लाए बिना आप यहां पूजा नहीं कर सकते हैं।
खेतपाल महाराज को यहां के स्थानीय निवासी क्षेत्रपाल और भैरव भी कहते हैं। मान्यता है कि वे जैसलमेर शहर के रक्षक हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि हैं कि प्राचीन में काल में सिंध से सात बहनें आयीं थी, जो देवियों के रूप में जैसलमेर के कोने-कोने में विराजमान हैं। खेतपाल महाराज उनके भाई हैं।
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