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This Article is From Jan 05, 2022

सूर्यदेव की पूजा करते समय जरूर पढ़ें ये आरती, बनी रहेगी कृपा

सूर्य देव को मान-सम्मान के साथ आरोग्य प्रदान करने वाला भी माना गया है. ग्रहों का राजा माने जाने वाले सूर्य देव को हिंदू धर्म में पंचदेवों में से एक माना गया है. ग्रहों का राजा माने जाने वाले सूर्य देव को हिंदू धर्म में पंचदेवों में से एक माना गया है.

सूर्यदेव की पूजा करते समय जरूर पढ़ें ये आरती, बनी रहेगी कृपा
इस आरती के बिना अधूरी है श्री सूर्य नारायण की पूजा
नई दिल्ली:

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव प्रत्यक्ष रूप से दर्शन देने वाले देवता हैं. पौराणिक वेदों में सूर्य का उल्लेख विश्व की आत्मा और ईश्वर के नेत्र के तौर पर किया गया है. ग्रहों का राजा माने जाने वाले सूर्य देव को हिंदू धर्म में पंचदेवों में से एक माना गया है. इन्हें जीवन में मान-सम्मान और सफलता का कारक भी माना गया है. हफ्ते का हर एक दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है. इसी तरह रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि सूर्यदेव की अराधना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. सूर्यदेव की पूजा करते समय उनकी आरती सुननी या पढ़नी चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है.

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श्री सूर्य देव की आरती

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।

अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

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ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।

फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।

गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।

स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

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तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।

प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।

वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

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पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।

ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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