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प्रकाश का महापर्व दीपावली आज, यानी 20 अक्टूबर को पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की इस पावन रात्रि को धन की देवी मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर विचरण करती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं. इसी विशेष अवसर पर भक्तजन मां लक्ष्मी और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करते हैं.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करके माता सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या नगरी में अभूतपूर्व हर्ष और उत्साह का माहौल था. अपने प्रिय राजा के लौटने की खुशी में, अयोध्यावासियों ने पूरी नगरी को घी के दीपक जलाकर प्रकाशित कर दिया था. कहा जाता है कि इसी पावन और मंगलकारी घटना की स्मृति में, हर साल यह दीपों का त्योहार 'दीपावली' (दीपावली) के रूप में मनाए जाने की परंपरा शुरू हुई.

Diwali 2025 Shubh Muhurt : लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए कई अत्यंत शुभ संयोग

शुभ मुहूर्तसमयविशेषता
पहला मुहूर्त (प्रदोष काल)शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तकसंध्या काल में होने वाला यह मुहूर्त पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है.
दूसरा मुहूर्त (वृषभ काल)शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 03 मिनट तकयह स्थिर लग्न का मुहूर्त है, जिसमें पूजा करने से मां लक्ष्मी चिरकाल तक घर में वास करती हैं.
सर्वश्रेष्ठ/सर्वोच्च मुहूर्तशाम 07 बजकर 08 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तकयह पूजन का सर्वोत्तम समय है, जिसमें आपको लक्ष्मी-गणेश की आराधना के लिए 1 घंटा 11 मिनट का पुण्य काल मिलेगा.

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