
Diwali 2025: कार्तिक मास की अमावस्या रात्रि को “महा निशा साधना” के सबसे उत्तम बताया गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दौरान पृथ्वी और ब्रह्मांडीय ऊर्जाएं एक विशेष बिंदु पर मिलती हैं. लक्ष्मी, कुबेर, कालरात्रि, विष्णु और महाकाली तत्त्व एक साथ सक्रिय होते हैं. मान्यता है कि इस दौरान पूजा, जप-तप और दान आदि कार्य पाप नाशक और धनप्रद माना गया है. आइए जानी-मानी ज्योतिषाचार्या और वास्तुविद डॉ. नीति शर्मा से जानते हैं कि दिवाली की रात 11:30 बजे से 1:30 बजे (महा निशा काल) में किस साधना को करने पर क्या फल मिलता है.
दिवाली की रात की जाने वाली 10 साधनाएं
1. धन प्राप्ति हेतु महा उपाय
शास्त्रीय आधार: लक्ष्मी तंत्र, श्रीसूक्त, पद्म पुराण
उपाय:
लाल या कमल पुष्प पर श्री यंत्र स्थापित करें.
घी का दीपक जलाकर “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें.
रात्रि के अंत में कमल पर रखे चांदी के सिक्के को तिजोरी या धन स्थान में रख दें.
फल: धन की आवक में स्थायित्व व दरिद्रता निवारण.
2. व्यापार वृद्धि एवं सफलता हेतु
शास्त्रीय प्रमाण: कुबेर कल्प, लक्ष्मी कुबेर स्तोत्र
उपाय:
उत्तर दिशा (कुबेर कोण) में पीतल के कलश में जल, चावल, सुपारी, नारियल रखकर कुबेर पूजन करें.
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः” का 108 बार जाप करें.
11 दीपक उत्तर दिशा में जलाएं.
फल: व्यापार में वृद्धि, नये ग्राहकों की प्राप्ति, रुका हुआ पैसा वापस मिलने के योग.
3. संतान प्राप्ति हेतु दिव्य उपाय
शास्त्रीय प्रमाण: देवी भागवत पुराण, गरुड़ पुराण, शिव पुराण
उपाय:
लक्ष्मी-नारायण के संयुक्त पूजन के साथ “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का 108 बार जाप करें.
केसर, गाय का घी, चावल, और तुलसी पत्र से अर्घ्य अर्पण करें.
शंख में जल भरकर संतान कामना का संकल्प लें.
फल: संतान योग सक्रिय होता है, गर्भाधान में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं.
4. विवाह योग सुदृढ़ करने हेतु उपाय
शास्त्रीय आधार: ब्रह्मवैवर्त पुराण, ललिता सहस्रनाम, शुक्र तंत्र
उपाय:
पूर्व दिशा में राधा-कृष्ण की प्रतिमा रखें.
केसर, गुलाबी पुष्प और मिठाई से पूजन करें.
“ॐ क्लीं कृष्णाय गोविंदाय नमः” का 108 बार जाप करें.
दीपक में गुलाब या चमेली के तेल का प्रयोग करें.
फल: विवाह में आ रही रुकावटें दूर, योग्य जीवनसाथी का योग प्रबल.
5. शत्रु नाश एवं नकारात्मकता से रक्षा हेतु
शास्त्रीय प्रमाण: देवी महात्म्य, कालिका पुराण
उपाय:
रात्रि 12 बजे के पश्चात् दक्षिण मुख होकर महाकाली का पूजन करें.
लाल पुष्प, सिंदूर और लौंग अर्पित करें.
“ॐ ह्रीं ह्रूं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” का 108 बार जाप करें.
फल: शत्रु, ईर्ष्यालु व्यक्ति, और गुप्त विरोधी शक्तियाँ निष्क्रिय हो जाती हैं.
6. तंत्र बाधा से मुक्ति हेतु उपाय
शास्त्रीय प्रमाण: रुद्र यामल तंत्र, कालिका पुराण
उपाय:
काली हकीक या लौंग के पाँच दाने लेकर हवन कुंड में घी के साथ आहुति दें.
“ॐ नमः कालरात्र्यै नमः” का 21 बार उच्चारण करें.
रात्रि 12 से 1 बजे के बीच करना श्रेष्ठ.
फल: तांत्रिक प्रभाव, जादू-टोने या नजर दोष से रक्षा.
7. तंत्र से रक्षा एवं दिव्य कवच निर्माण हेतु
शास्त्रीय प्रमाण: रुद्राक्ष जाबालोपनिषद, अथर्व वेद
उपाय:
रुद्राक्ष की माला से “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें.
महाकाल या भैरव के समक्ष सरसों के तेल का दीप जलाएं.
घर के चारों कोनों में नमक का जल छिड़कें.
फल: नकारात्मक तंत्र से सुरक्षा कवच बनता है, घर की ऊर्जा शुद्ध होती है.
8. आरोग्य प्राप्ति एवं रोग निवारण हेतु
शास्त्रीय प्रमाण: अथर्व वेद, दुर्गा सप्तशती, रुद्राध्याय
उपाय:
चांदी के पात्र में जल रखकर “ॐ नमो भगवते रुद्राय” का 108 बार जाप करें.
गाय के घी का दीप जलाकर आरती करें.
प्रातःकाल उस जल को परिवार को पिलाएं.
फल: रोग निवारण, स्वास्थ्य लाभ और जीवन ऊर्जा में वृद्धि.
9. सौंदर्य व आकर्षण योग हेतु उपाय
शास्त्रीय प्रमाण: शुक्र तंत्र, ललिता सहस्रनाम
उपाय:
गुलाबी वस्त्र पहनकर “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सौंदर्यलक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें.
सुगंधित घी या केसर से दीप जलाएं.
चेहरे पर केसर का तिलक करें.
फल: व्यक्तित्व में दिव्य आभा, आकर्षण और सामाजिक सम्मान बढ़ता है.
10. लीगल बाधाओं, कोर्ट केस से मुक्ति हेतु
शास्त्रीय प्रमाण: भैरव तंत्र, कालभैरवाष्टक स्तोत्र
उपाय:
शनि और भैरव का संयुक्त पूजन करें.
काले तिल और तेल से दीप जलाएं.
“ॐ ह्रौं भैरवाय नमः” का 108 बार जाप करें.
अंत में न्याय हेतु संकल्प लें – “सत्यं धर्मं न्यायं विजयाय”.
फल: कोर्ट केस, प्रशासनिक रुकावटें और न्यायिक विलंब में राहत प्राप्त होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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