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This Article is From Aug 02, 2022

Diwali 2022: इस साल दीवाली कब है, अभी से कर लें पांच दिन के उत्सव की तैयारी

Diwali 2022: दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस साल दिवाली का त्योहार खास रहने वाला है.

Diwali 2022: इस साल दीवाली कब है, अभी से कर लें पांच दिन के उत्सव की तैयारी
Diwali 2022: दिवाली अंधकार पर प्रकाश के विजय के रूप में मनाया जाता है.

Diwali 2022: सनातन धर्म की मान्यताओं के मुताबिक हर महीने कोई ना कोई पर्व-त्योहार और व्रत पड़ते ही हैं. कार्तिक मास की अमावस्या (Kartik Amavasya 2022) तिथि को दीवाली का पर्व मनाया जाता है. पैराणिक मान्यता है कि जब श्री राम लंका नरेश रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे तो उस समय समस्त अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर श्रीराम का स्वागत किया था. हिंदू धर्म में दीवाली (Diwali 2022) का त्योहार प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह पर्व अंधकार पर प्रकाश के विजय का पर्व है. इसके साथ ही इस पर्व को नएपन और उल्लास के रूप में भी मनाया जाता है. साल 2022 में दिवाली कब है, इसे जानन के लिए लोग अभी से उत्सुक हैं. ऐसे में जानते हैं कि 2022 में दिवाली कब है और इसका क्या महत्व है. 

दिवाली 2022 तिथि | Diwali 2022 Date

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार, साल 2022 में कार्तिक मास की अमावस्या 24 और 25 अक्टूबर को है. हालांकि 25 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले समाप्त हो रही है. जबकि 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि मौजूद रहेगी. इसके साथ ही इस दिन निशीथ काल में अमावस्या तिथि रहेगी. ऐसे में दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर, 2022 को मनाया जाएगा. इसके अलावा छोटी दिवाली भी इसी दिन है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है.

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दिवाली 2022 शुभ मुहूर्त | Diwali 2022 Shubh Muhurat

पंचांग के अनुसार, 23 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि शाम 6 बजकर 04 मिनट तक रहेगी. उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी. चतुर्दशी तिथि का समापन 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर होगा. इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी. अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी. 

दिवाली का महत्व | Importance of Diwali

दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि श्री राम ने लंका नरेश रावण पर विजय प्राप्त की थी. साथ ही इसी दिन वे 14 वर्षों का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे. भगवान राम के अयोध्या आने की खुशी में पूरी अयोध्या नगरी को प्रकाशमय किया गया था. लोग भगवान राम के स्वागत में अपने घरों में दीप जलाया था.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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