देव दीपावली पर भगवान शंकर ने किया था राक्षस का वध
भारत में कई त्योहार मनाए जाते हैं. इन त्योहारों के पीछे कई मान्यता भी छुपी होती है. इसी क्रम में दीपावली के त्योहार के बाद देव दीपावली का पर्व भी खूब धूमधाम के साथ मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक देव दीपावली के दिन भगवान शंकर ने देवताओं की प्रार्थना पर सभी को उत्पीड़ित करने वाले राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था. जिसके उल्लास में देवताओं ने दीपावली मनाई. इसी कारण इसे देव दीपावली के रूप में जाना जाता है. इस बार चौमासी चौदस और कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा पर देव दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा है.
इस त्योहार को लेकर मान्यता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर आते हैं. वहीं इस माह को काफी पवित्र भी माना जाता है. इस माह में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्वों को प्रमाणित किया है. इसके साथ ही इस माह में उपासना, स्नान, दान, यज्ञ आदि का भी अच्छा परिणाम मिलता है. माना जाता है कि देव दीपावली के मौके पर विशेष पूजन और उपायों से व्यक्ति तरक्की के मार्ग पर अग्रसर होता है और जीवन में खुशहाली आती है.
मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने काशी के अहंकारी राजा दिवोदास के अहंकार को नष्ट कर दिया था. वहीं कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर काशी के घाटों पर दीप जलाकर भी इस त्योहार को काफी उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन पूजन का भी विशेष महत्व रहता है. इस पर्व को देवताओं के दिन के रूप में भी जाना जाता है. इस त्योहार को ऋतुओं में श्रेष्ठ शरद, मासों में श्रेष्ठ कार्तिक और तिथियों में श्रेष्ठ पूर्णमासी के दिन मनाया जाता है. इस बार 3 अक्टूबर, शुक्रवार के दिन देव दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा.
इस त्योहार को लेकर मान्यता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर आते हैं. वहीं इस माह को काफी पवित्र भी माना जाता है. इस माह में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्वों को प्रमाणित किया है. इसके साथ ही इस माह में उपासना, स्नान, दान, यज्ञ आदि का भी अच्छा परिणाम मिलता है. माना जाता है कि देव दीपावली के मौके पर विशेष पूजन और उपायों से व्यक्ति तरक्की के मार्ग पर अग्रसर होता है और जीवन में खुशहाली आती है.
मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने काशी के अहंकारी राजा दिवोदास के अहंकार को नष्ट कर दिया था. वहीं कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर काशी के घाटों पर दीप जलाकर भी इस त्योहार को काफी उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन पूजन का भी विशेष महत्व रहता है. इस पर्व को देवताओं के दिन के रूप में भी जाना जाता है. इस त्योहार को ऋतुओं में श्रेष्ठ शरद, मासों में श्रेष्ठ कार्तिक और तिथियों में श्रेष्ठ पूर्णमासी के दिन मनाया जाता है. इस बार 3 अक्टूबर, शुक्रवार के दिन देव दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा.
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