अमेरिका में पोटोमैक नदी के किनारे मना छठ, 500 से ज्यादा भक्तों ने दिया सूर्य को अर्घ्य

पटना से अमेरिका में बसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर कृपाशंकर सिंह ने कहा कि यह सब 2006 में शुरू हुआ था जब उन्होंने और उनकी पत्नी अनीता ने छठ पूजा मनाने के लिए जगह की तलाश शुरू की.

अमेरिका में पोटोमैक नदी के किनारे मना छठ, 500 से ज्यादा भक्तों ने दिया सूर्य को अर्घ्य

अमेरिका:

अमेरिका में पोटोमैक नदी के किनारे 500 से अधिक भारतीय-अमेरिकी लोगों ने हर्षोल्लास के साथ छठ पर्व मनाया. इस पूजा उत्सव में बड़ी संख्या में लोग नदी के तट पर एकत्र हुए और डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान कई महिलाएं रंग-बिरंगी पारंपरिक साड़ियों में दिखीं. छठ पूजा पर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है. यह पूजा पूर्ण रूप से प्रकृति को समर्पित है. यह महापर्व मुख्य रूप से भारत और नेपाल के पूर्वी और उत्तरी भागों में मनाया जाता है.

शनिवार शाम और रविवार की सुबह वॉशिंगटन के वर्जीनिया उपनगर में पोटोमैक नदी के तट पर 500 से अधिक भारतीय-अमेरिकी इकट्ठा हुए, जिनमें से कई तो सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर इस लोकप्रिय भारतीय त्योहार को मनाने के लिए यहां पहुंचे थे.

पिछले कई सालों से भारतीय समुदाय के लोग छठ पूजा मनाते आ रहे हैं. भारतीय समुदाय के साथ नेपाली समुदाय के लोग भी इस पूजा में शामिल होते हैं. इससे विदेश में छठ समारोह को एक अनूठा आयाम मिल रहा है.

पटना से अमेरिका में बसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर कृपाशंकर सिंह ने कहा कि यह सब 2006 में शुरू हुआ था जब उन्होंने और उनकी पत्नी अनीता ने छठ पूजा मनाने के लिए जगह की तलाश शुरू की. पोटोमैक के पास स्थित एक पार्क में बैठे सिंह दंपति को एक दिन नदी के तट पर छठ को पारंपरिक तरीके से मनाने का विचार आया और इसे मनाने का फैसला किया.

अनुमति के लिए उन्होंने पार्क के अधिकारियों से संपर्क किया. शुरुआती हिचकिचाहट और थोड़ा समझाने के बाद लाउडॉन काउंटी ने उन्हें अनुमति दे दी. अब यहां बड़े पैमाने पर बड़ी धूमधाम के साथ इस महापर्व को मनाया जाता है. सिंह ने कहा कि हर साल छठ मनाने वालों की संख्या बढ़ रही है.

 सिंह ने कहा, "हमारी कोशिश है कि अपनी संस्कृति को विदेशी धरती पर भी जीवित रखा जाए."

 इस साल, उत्सव को फेसबुक पर लाइव प्रसारित किया गया और हजारों दर्शकों ने इसे देखा.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)