Chaitra Navratri: मां दुर्गा को आदिशक्ति भी कहा जाता है. यही दुर्गा मां शक्ति की पहचान भी मानी जाती हैं. कहा जाता है जब संसार अंधकार की चपेट में आ जाता है तब दुर्गा मां ही अपनी शक्ति से उसमें रोशनी का संचार करती हैं. चैत्र नवरात्रि पर भक्त अपनी प्रिय दुर्गा मां (Durga Maa) की 9 दिन आराधना करते हैं, वे देवी के चरणों में समर्पित होकर उनसे अपनी मनोकामनाएं साझा कर उनकी कृपा पाने का अथक प्रयास करते हैं. इस वर्ष 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) शुरू हो रही है और आने वाली 11 अप्रैल तक बिना किसी तिथि के क्षय के मनाई जाएगी. इतना ही नहीं इस वर्ष मां दुर्गा की सवारी घोड़ा होगा.
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चैत्र नवरात्रि पर दुर्गा मां की सप्तशती (Durga Saptashati) का भी पाठ करने की मान्यता है. सप्तशती पाठ से नौ दिन मां दुर्गा को याद किया जाता है व माना जाता है कि इस पाठ से वे प्रसन्न हो जाती हैं. दुर्गा सप्तशती में मां दुर्गा की शक्तियों और गाथाओं का वर्णन है. कहा जाता है कि कष्टों से घिरने पर देवता गण भी मां दुर्गा को पुकारते थे.
दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) के एकादश अध्याय में मां दुर्गा का विशेष व्याख्यान मिलता है. मान्यतानुसार दुर्गति के नाश का खुद दुर्गा मां ने संकल्प लिया था. मां दुर्गा के विषय में सप्तशती में यह उल्लेख है-
‘तत्रैव च वधिष्यामि दुर्गमाख्यं महासुरम्।
दुर्गा देवीति विख्यातं तन्मे नाम भविष्यति।।'
इस श्लोक का अर्थ है कि जब मां दुर्गा दुर्गम दैत्यों का संहार करेंगी तब इस संसार में उनकी प्रसिद्धि दुर्गा नाम से होगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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