जीवन का हर कष्ट दूर कर देगा भगवान श्री कृष्ण के इन मंत्रों का जाप, इस दिन करने पर मिलेगा लाभ

अगर जीवन में दुख और परेशानियों के घर कर लिया है तो आपको भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप लाभदायी होगा.

जीवन का हर कष्ट दूर कर देगा भगवान श्री कृष्ण के इन मंत्रों का जाप, इस दिन करने पर मिलेगा लाभ

शास्त्रों में कहा गया है कि किसी भी माह की अष्टमी के दिन या भी गुरुवार के दिन आप मंत्रों का जाप शुरू कर सकते हैं.

Lord Krishna mantra : सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) को त्रेता युग का कल्याण करने वाले देव के रूप में पूजा गया है. दुखियों के दुख दूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है. कहते हैं कि भगवान कृष्ण की पूजा करने पर जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं और जातक के घर परिवार में शांति और सुख बना रहता है. शास्त्रों में गुरुवार (Thursday)का दिन भगवान श्रीकृष्ण का कहा गया है और इस दिन कान्हा की पूजा करने पर विशेष फल प्राप्त होता है. अगर आप दुखों और परेशानियों से जूझ रहे हैं तो गुरुवार के दिन भगवान श्रीकृष्ण के खास मंत्रों का जाप करने पर आपकी परेशानियों और चिंताओं का हल निकल सकता है. लेकिन इस दिन भी भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करने के कुछ खास नियम है जिनका पालन सभी को करना चाहिए. आइए भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र ( Lord krishna mantra) और उनसे संबंधित नियमों के बारे में जानते हैं. 

भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र  

अगर आपको जीवन के कष्ट दूर करने हैं और जीवन में सुख शांति और समृद्धि की कामना है तो किसी भी गुरुवार को आप इन मंत्रों का जाप सच्चे मन से करें. इन मंत्रों को जपना आसान है . ये मंत्र इस तरह हैं-  कृष्णाय नम: ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:, हरे कृष्ण हरे कृष्ण । कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम । राम राम हरे हरे ॥, कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।, प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:. आप इन मंत्रों को नहा धोकर सच्चे मन के साथ भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या तस्वीर के सामने खड़े होकर जपें. 

भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र जाप के नियम  

शास्त्रों में कहा गया है कि किसी भी माह की अष्टमी के दिन या भी गुरुवार के दिन आप मंत्रों का जाप शुरू कर सकते हैं. जब भी जाप करें तो आपका मुंह उत्तर दिशा की तरह होना चाहिए.मंत्र का जाप करते समय जातक को पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए. मंत्र का जापन करने से पहले भगवान की मूर्ति के आगे शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए. धूप जलाकर भगवान का फूलों से श्रंगार करना चाहिए. मंत्रों का जाप करते वक्त ध्यान रखें कि एक माला यानी कुल 108 बार जाप करना सही होता है. ऊपर दिए गए मंत्रों में से आप किसी भी एक मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)