Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का दिन विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है. हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है और विधि-विधान से माता सरस्वती की पूजा की जाती है. माता सरस्वती को विद्या, बुद्धि, ज्ञान और विवेक की देवी माना जाता है. इस वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ भी चल रहा है और बसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान भी किया जाएगा. ऐसे में बसंत पंचमी का दिन और अधिक फलदायी बन गया है. इस वर्ष अद्भुत योग में महाकुंभ का आयोजन किया गया है और यह योग 144 वर्ष साल में एक बार ही बनते हैं. इसी के साथ बसंत पंचमी पर भी 144 वर्ष बाद विशेष शुभ योग (Shubh Yog) बन रहे हैं. आइए जानते हैं कब है बसंत पंचमी और 144 वर्ष बाद बन रहे विशेष योग में क्या करना चाहिए.
मौनी अमावस्या के दिन होगा महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान, जानिए शुभ मुहूर्त और दान का महत्व
बसंत पंचमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
माघ माह में शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी, रविवार को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 3 फरवरी सोमवार को सुबह 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी. देशभर में बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी रविवार को मनाया जाएगा.
बसंत पंचमी 2025 शुभ योगपंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पंचमी तिथि पर शनि देव सुबह 8 बजकर 51 मिनट पर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे. पंचमी तिथि को शिव योग, सिद्ध साध्य योग और रवि योग भी बन रहे हैं.
बसंत पंचमी के दिन करें अमृत स्नानइस वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है और महाकुंभ (Mahakumbh) का आयोजन 12 वर्ष के बाद किया जाता है. हालांकि इस बार महाकुंभ के अवसर पर बन रहे योग पूरे 144 वर्ष के बाद बने हैं. महाकुंभ में अमृत स्नान का बहुत महत्व होता है और बसंत पंचमी के दिन भी अमृत स्नान होगा. बसंत पंचमी को संगम नगरी में गंगा यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करने से अमृत स्नान के लाभ के साथ-साथ विद्या की देवी मां सरस्वती की कृपा भी प्राप्त होगी और विद्या, बुद्धि और विवेक बढ़ेगा.
कब करें स्नानबसंत पंचमी की तिथि 2 फरवरी रविवार को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 3 फरवरी सोमवार को सुबह 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी. 2 फरवरी को बसंत पंचमी का व्रत रखें और 3 फरवरी को संगम स्नान का लाभ लें. 3 फरवरी को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 33 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक स्नान का सबसे अच्छा मुहूर्त है. इस समय बन रहे खास योग कई वर्षों बाद ही बनते हैं. इस शुभ मुहूर्त में स्नान से कई गुणा लाभ प्राप्त होगा.
बसंत पंचमी की पूजा का समयबसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा से माता सरस्वती की कृपा प्राप्त की जा सकती है. 2 फरवरी को सुबह 7 बजकर 9 मिनट से शुरू होकर देर रात तक पूजा के लिए शुभ समय है. इसके साथ ही सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक शिव योग रहेगा. इस समय पूजा करने से शिक्षा के क्षेत्र में शुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. इसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा. इस दिन सुबह पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा और उसके बाद रेवती नक्षत्र लग जाएगा. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती (Ma Saraswati) की पूजा में बच्चों और पढ़ाई कर रहे लोगों को जरूर शामिल होना चाहिए. इससे माता की कृपा प्राप्त होती है और बुद्धि विवेक बढ़ता है. सरस्वती पूजा के दिन बच्चों से पढ़ाई लिखाई से जुड़ी चीजों का दान करवाना भी उत्तम होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं