मदुरै:
मद्रास उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि 60 साल से अधिक आयु के नाइयों को डिंडीगुल जिले में पलानी मंदिर में श्रद्धालुओं के सिर मुंडवाने के काम में नहीं लगाया जाना चाहिए क्योंकि हाथ कांपने की वजह से वे श्रद्धालुओं को चोटिल कर सकते हैं. एक पीठ ने पलानी स्थित इस मंदिर के प्रबंधन के उस आदेश को कल खारिज कर दिया था जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के नाइयों को सिर मुंडवाने की अनुमति दी गई थी.
न्यायमूर्ति ए. सेल्वम और न्यायमूर्ति पी. कलियारसन की खंडपीठ ने पलानी से सेवानिवृत्त नाई के. कुप्पूराज द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश दिया. कुप्पूराज ने पलानी में श्री धंदायुथपानी स्वामी मंदिर के कार्यकारी अधिकारी के आदेश को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की थी.
पीठ ने इस मंदिर के अधिवक्ता की यह दलील खारिज कर दी कि ‘थाई पूसम’ उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से निपटने के लिए केवल तीन महीने का लाइसेंस जारी किया गया है. याचिकाकर्ता ने बताया था कि उस मंदिर में 319 लाइसेंस प्राप्त नाई हैं.
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न्यायमूर्ति ए. सेल्वम और न्यायमूर्ति पी. कलियारसन की खंडपीठ ने पलानी से सेवानिवृत्त नाई के. कुप्पूराज द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश दिया. कुप्पूराज ने पलानी में श्री धंदायुथपानी स्वामी मंदिर के कार्यकारी अधिकारी के आदेश को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की थी.
पीठ ने इस मंदिर के अधिवक्ता की यह दलील खारिज कर दी कि ‘थाई पूसम’ उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से निपटने के लिए केवल तीन महीने का लाइसेंस जारी किया गया है. याचिकाकर्ता ने बताया था कि उस मंदिर में 319 लाइसेंस प्राप्त नाई हैं.
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