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This Article is From Apr 12, 2019

Baisakhi 2019: क्यों मनाई जाती है बैसाखी? जानिए महत्‍व और खालसा पंथ का इतिहास

Baisakhi 2019: पंजाब और हरियाणा के अलावा भी पूरे उत्तर भारत में बैसाखी मनाई जाती है, लेकिन ज्यादातर जगह इसका संबंध फसल से ही है. असम में इस पर्व को बिहू कहा जाता है, इस दौरान यहां फसल काटकर इसे मनाया जाता है. बंगाल में भी इसे पोइला बैसाख कहते हैं.

Baisakhi 2019: क्यों मनाई जाती है बैसाखी? जानिए महत्‍व और खालसा पंथ का इतिहास
Baisakhi 2019 (बैसाखी 2019)
नई दिल्ली:

Baisakhi 2019: पंजाब और हरियाणा बैसाखी 14 अप्रैल (14 April, Vaisakhi 2019 in India) को मनाई जा रही है. यह पर्व सिर्फ सिखों के नए के तौर पर नहीं बल्कि इससे जुड़ी कई और कहानियां हैं. बैसाखी के दिन अंतिम गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्‍थापना की थी. बैसाखी कृषि पर्व के तौर पर भी मनाया जाता है, क्योंकि इस दौरान पंजाब में रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है. 

कब मनाई जाती है बैसाखी
अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक हर साल बैसाखी 13 या 14 अप्रैल को मनाई जाती है. इस बार साल 2019 में बैसाखी के दिन राम नवमी भी मनाई जाएगी. 

खालसा पंथ की स्‍थापना
साल 1699 में सिखों के 10वें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह ने बैसाखी के दिन ही आनंदपुर साहिब में खालसा पंत की नींव रखी थी. इस दौरान खालसा पंथ की स्‍थापना का मकसद लोगों को तत्‍कालीन मुगल शासकों के अत्‍याचारों से मुक्‍त करना था.  

बैसाखी का महत्व और अलग-अलग नाम
पंजाब और हरियाणा के अलावा भी पूरे उत्तर भारत में बैसाखी मनाई जाती है, लेकिन ज्यादातर जगह इसका संबंध फसल से ही है. असम में इस पर्व को बिहू कहा जाता है, इस दौरान यहां फसल काटकर इसे मनाया जाता है. बंगाल में भी इसे पोइला बैसाख कहते हैं. पोइला बैसाख बंगालियों का नया साल होता है. केरल में यह त्‍योहार विशु कहलाता है. बैसाखी के दिन ही सूर्य मेष राशि में संक्रमण करता है इसलिए इसे मेष संक्रांति भी कहते हैं. 

हिंदुओं के लिए बैसाखी पर्व का बहुत महत्व है. मान्‍यता है कि हजारों सालों पहले गंगा इसी दिन धरती पर उतरी थीं. यही वजह है कि इस दिन धार्मिक नदियों में नहाया जाता है. इस दिन गंगा किनारे जाकर मां गंगा की आरती करना शुभ माना जाता है. 

बैसाखी कैसे मनाते हैं?
बैसाखी के दिन पंजाब के लोग ढोल-नगाड़ों पर नाचते-गाते हैं. गुरुद्वारों को सजाया जाता है, भजन-कीर्तन कराए जाते हैं. लोग एक-दूसरे को नए साल की बधाई देते हें. घरों में कई तरह के पकवान बनते हैं और पूरा परिवार साथ बैठकर खाना खाता है. 

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