Ayodhya Ram Janki temple history : कल पूरे विधि-विधान के साथ रामलला के बालस्वरूप की मूर्ति को अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित कर दिया गया. मूर्ति की स्थापना प्राण प्रतिष्ठा मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न की गई. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश के नामचीन लोग शामिल हुए. ऐसे में अयोध्या के राम जानकी मंदिर की भी चर्चा हो रही है, जो कई सौ साल पुराना है. इस मंदिर के बारे में वहां के पुजार से एनडीटीवी ने खास बातचीत की है, आइए जानते हैं आखिर राम जानकी मंदिर का इतिहास क्या है.
अयोध्या के राम जानकी मंदिर का इतिहास
अयोध्या के राम जानकी मंदिर के बारे में बात करते हुए वहां के पुजारी संतोष पांडे ने बताया कि ये वो इस मंदिर में पूजा करने वाले सातवीं पीढ़ी हैं. उन्होंने बताया कि ये मंदिर 1785 के आसपास का है. इस मंदिर को बनने में लगभग 40 साल लगे थे. संतोष आगे कहते हैं कि यह मंदिर 1830 के आसपास बनकर तैयार हुआ था. मंदिर में रहने वाले हर्षद पांडे बताते हैं कि जब यह अवध हुआ करता था तब का यह मंदिर बनकर तैय़ार हुआ है.
इस मंदिर पर बनी कलाकृतियां मुगलकालीन से प्रभावित हैं. इस मंदिर के मुख्य द्वार पर मछली को दर्शाया गया है जो शुभ माना जाता था तब के समय में.हर्षद बताते हैं कि मंदिर पर बनी नक्काशी गुण और रावी से बनाई गई है. मंदिर में रामरज रंग का भी इस्तेमाल किया गया है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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