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This Article is From Sep 23, 2022

Masik Shivratri 2022: मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा कल, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Masik Shivratri 2022 Date: आश्विन मास की मासिक शिवरात्रि का व्रत 24 सितंबर को रखा जाएगा. आइए जानते हैं शिवरात्रि व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.

Masik Shivratri 2022:  मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा कल, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Masik Shivratri September 2022: मासिक शिवरात्रि पर प्रदोष काल में शिव जी की पूजा होती है.

Ashwin Masik Shivratri 2022: भगवान शिव की पूजा के लिए आश्विन मास की शिवरात्रि बेहद खास होती है. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार हर महीने की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. हिंदी पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022 Date) 24 सितंबर, शनिवार को है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना और आरती करते हैं, उन्हें भोलेबाबा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मासिक शिवरात्रि के दिन चार प्रहर की पूजा का विधान है. ऐसे में जानते हैं मासिक शिवरात्रि व्रत (Masik Shivratri Vrat 2022) के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि. 

मासिक शिवरात्रि 2022 शुभ मुहूर्त | Masik Shivratri 2022 Shubh Muhurat

आश्विन मास की मासिक शिवरात्रि का व्रत 24 सितंबर, शनिवार को राखा जाएगा. यह व्रत चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. ऐसे में चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 24 सितंबर को तड़के 2 बजकर 30 मिनट पर हो रही है. वहीं चतुर्दशी तिथि की समाप्ति 25 सितंबर को तड़के 3 बजकर 12 मिनट पर होगी. मासिक शिवरात्रि का 24 सितंबर को रखा जाएगा. 

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मासिक शिवरात्रि पूजा विधि | Masik Shivratri Puja Vidhi

मासिक शिवरात्रि के दिन स्नान के बाद पूजा स्थान की सफाई करें. इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर व्रत और पूजन का संकल्प लें. मासिक शिवरात्रि की पूजा प्रदोष काल में अधिक फलदायी होती है. ऐसे में इस दिन प्रदोष काल में पूजा करें. इस दौरान भगवान शिव को जल अर्पित करें. इसके बाद उन्हें अक्षत बेलपत्र, धतूरा, भांग इत्यादि अर्पित करें. मान्यतानुसार ये वस्तुएं भगवान शिव को बेहद प्रिय हैं. इसके बाद शिवजी को चंदन लगाएं. भगवान शिव को नीले और सफेद फूल अत्यधिक प्रिय होता है. इसलिए ये फूल शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं. शिव-पूजन के दौरान लगातार ‘ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें. इसके साथ ही महामृत्युंजय मंत्र ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌, उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌. मंत्र का जाप भी करें. इसके पश्चात् घी का दीपक जलाएं और विधिवत भगवान शिव की आरती करें. पूजा में भगवान को पान का पत्ता चढ़ाना शुभ माना गया है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
 

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