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This Article is From Sep 23, 2022

Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा कब है, यहां जानें डेट, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Govardhan Puja Date 2022: गोवर्धन पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को पड़ती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है.

Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा कब है, यहां जानें डेट, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Govardhan Puja Date 2022: इस साल गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को है.

Govardhan Puja 2022 Date Shubh Muhurat Puja Vidhi and Importance: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja Date) की जाती है. इस साल गोवर्धन पूजा दिवाली (Diwali 2022) के दूसरे दिन यानी 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी. गोरवर्धन पूजा (Govardhan Puja Kab hai) हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस त्योहार को अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन लोग गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत, गाय और बछड़े की आकृति बनाते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, गोवर्धन पूजा मुख्य रूप से भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत को समर्पित है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गोवर्धन पूजा की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण ने की. कहा जाता है कि उन्होंने इंद्र देव के अहंकार को दूर करने के लिए गोकुल के लोगों को गोवर्धन पूजा करने के लिए प्रेरित किया. जिसके बाद से गोवर्धन पूजा की परंपरा चली आ रही है. आइए जानते हैं कि साल 2022 में गोवर्धन पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा की विधि. 

गोवर्धन पूजा की तिथि और मुहूर्त | Govardhan Puja 2022 Date and Muhurat

गोवर्धन पूजा की तिथि- 26 अक्टूबर, 2022

प्रतिपदा तिथि आरंभ- 25 अक्टूबर, मंगलवार शाम 4 बजकर 18 मिनट से

प्रतिपदा तिथि समाप्त- 26 अक्टूबर, बुधवार दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर 

गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- 26 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 8 बजकर 43 मिनट पर 

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गोवर्धन पूजा कैसे करें | Govardhan Puja Vidhi

गोवर्धन पूजा यानी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन सुबह उठकर स्नानादि से निवृत होकर साफ वस्त्र पहनें. इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसे फूलों से सजाया जाता है. इसके साथ ही इस दिन गाय की पूजा का भी विधान है. ऐसे में इस दिन गौमाता की पूजा करें. इसके अलावा कृषि कार्य में काम आने वाले अन्य पशुओं की पूजा का भी विधान है. पूजा के लिए बनाए गए गोवर्धन पर्वत पर जल, फूल, कुमकुम और फल और नैवेद्य अर्पित करें. इसके बाद दीप जलाएं. पूजन के बाद गोवर्धन पर्वत की 7 बार परिक्रमा करें. इस दौरान जौ बोए हुए कलश से पानी भी गिराया जाता है. गोवर्धन पूजा के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा भी करें.

गोवर्धन पूजा का महत्व | Govardhan Puja Importance

गोवर्धन पूजा का खास धार्मिक महत्व है. इस दिन पर्वत के रूप में प्रकृति की पूजा की जाती है. इसके साथ ही इस दिन गौमाता की पूजा भी की जाती है. इस वजह से यह पर्व प्रकृति की पूजा के साथ-साथ गौमाता के महत्व को भी दर्शाता है. धार्मिक मान्यता है कि जो कोई इस दिन विधि-विधान से गोवर्धन पूजा करता है, उसे भगवान श्रीकृष्ण से धन, संतान, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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