 
                                            Ashadha Purnima 2021: पूर्णिमा या फुल मून डे, जो हिंदू महीने आषाढ़ में होता है, उसे आषाढ़ पूर्णिमा 2021 के रूप में जाना जाता है. यह महत्वपूर्ण दिनों में से एक है, क्योंकि इस दिन, भक्त गोपदम का उपवास करते हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेने के लिए उनकी पूजा करते हैं. बता दें, शुभ मुहूर्त के अनुसार ये पूर्णिमा आज सुबह 10 बजकर 43 मिनट पर शुरू हो जाएगी.
यह दिन आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पड़ता है. इस वर्ष यह 23 जुलाई, 2021 को मनाया जाएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार, गोपदम व्रत फलदायी होता है, और जो लोग इस व्रत को करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु से खुशी और आशीर्वाद प्राप्त होता है.
शुभ मुहूर्त शुरू: सुबह 10:43 बजे, 23 जुलाई
शुभ मुहूर्त समाप्त: 08:06 (सुबह) 24 जुलाई, शनिवार
ये है महत्व
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन, महाभारत के सबसे महान ऋषि और लेखक, महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास, जिन्हें वेद व्यास के नाम से जाना जाता था, का जन्म हुआ था। इसलिए आषाढ़ पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है, जबकि बौद्ध परीक्षण के अनुसार आज ही के दिन भगवान गौतम बुद्ध ने लगभग 2500 वर्ष पूर्व सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था.
आषाढ़ पूर्णिमा 2021: पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठें, नहाएं और साफ कपड़े पहनें
- एक दिन का उपवास रखने का संकल्प लें
- फूल, अगरबत्ती और तिलक लगाकर भगवान विष्णु की पूजा करें
- मंत्रों का जाप करें और सत्यनारायण कथा सुनें
- भगवान विष्णु को प्रसाद चढ़ाएं और आरती कर पूजा संपन्न करें.
हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन भक्तों को पीले वस्त्र धारण करना चाहिए और दान में गेहूं, चावल आदि बांटना चाहिए. इस दिन दान करना शुभ माना जाता है. साथ ही पीपल के पेड़ के नीचे देवी लक्ष्मी की पूजा करने से लोगों को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
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