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अप्रैल महीने की इस तारीख को है मासिक शिवरात्रि? ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा, होंगे भगवान शिव होंगे प्रसन्न

आइए जानते हैं वैशाख महीने में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2025 Date) की सही डेट, शुभ मुहूर्त और योग. 

अप्रैल महीने की इस तारीख को है मासिक शिवरात्रि? ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा, होंगे भगवान शिव होंगे प्रसन्न
Masik shivratri 2025 list : मासिक शिवरात्रि पर अभिजीत मुहूर्त का संयोग है, जो 11:53 मिनट से लेकर दोपहर 12:45 मिनट तक रहेगा. 

Masik Shivratri date 2025 : साल में पड़ने वाली महाशिवरात्रि की तरह हर माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.साथ ही माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन कुंआरी लड़कियां अगर उपवास रखती हैं, तो फिर मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. ऐसे में आइए जानते हैं वैशाख महीने में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2025 Date) की सही डेट, शुभ मुहूर्त और योग. 

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मासिक शिवरात्रि डेट, शुभ मुहूर्त और योग -  Masik Shivratri 2025 tithi shubh muhurat & yog

  • आपको बता दें कि मासिक शिवरात्रि का व्रत कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. 
  • वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 अप्रैल को सुबह 08:27 मिनट पर शुरू होगा, जो अगले दिन 27 अप्रैल को सुबह 04:49 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. यानी मासिक शिवरात्रि का व्रत उदयातिथि के अनुसार 26 अप्रैल को रखा जाएगा. 
शुभ योग - 
  • मासिक शिवरात्रि पर अभिजीत मुहूर्त का संयोग है, जो 11:53 मिनट से लेकर दोपहर 12:45 मिनट तक रहेगा. 
  • वहीं, भद्रावास योग सुबह 08:27 मिनट तक बन रहा है.
  • इन दोनों योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. यह भोलेनाथ की आराधना के लिए शुभ समय माना जाता है. 

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि - Monthly Shivratri Puja Vidhi 2025

1. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं. फिर नित्य क्रिया करके स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
2. अब आप भगवान शिव का आवाहन करें और उनकी उपस्थिति का अनुभव करिए.
3.भगवान शिव को पवित्र जल चढ़ाएं और उनकी पूजा करें.
4. अब भगवान शिव को फल फूल अर्पित करिए.
5. फिर धूप और दीप जलाएं और भगवान शिव की आरती करें.
6. भगवान शिव को नैवेद्य चढ़ाएं और उनकी कृपा का अनुभव करिए.
7. पूजा के दौरान शिव मंत्रों का जाप करें. अंत में भगवान शिव की आरती करके प्रसाद वितरित कर दीजिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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