अमरनाथ गुफा (Amarnath Gufa) के लिए बुधवार को 4,600 से अधिक श्रद्धालु जम्मू से रवाना हुए. मंगलवार को 11,456 तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे. पुलिस ने कहा, "4,694 यत्रियों का एक और जत्था आज सुबह भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी के लिए सुरक्षा काफिले में रवाना हुआ. इनमें से 2,052 बालटाल आधार शिविर और 2,642 पहलगाम के लिए रवाना हुए हैं. जम्मू से पहला जत्था तड़के साढ़े तीन बजे, जबकि दूसरा तड़के चार बजकर पांच मिनट पर रवाना हुआ.
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मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में शाम के समय बालटाल-पवित्र गुफा, पहलगाम-पवित्र गुफा के आसपास हल्की बारिश/ बौछारें पड़ने संभावना जताई है, हालांकि ऐसा होना के आसार कम हैं.
इस साल की अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शुरू हुई और 45 दिनों बाद 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ संपन्न होगी. आपको बता दें कि पवित्र गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
कश्मीरी मुसलमानों ने ऐतिहासिक रूप से अपने हिंदू भाइयों को वार्षिक तीर्थयात्रा करने में आसानी और सुविधा के साथ मदद की है. वास्तव में, बूटा मलिक नाम के एक मुस्लिम चरवाहे ने 1850 में अमरनाथ गुफा की खोज की थी.
कैलाश मानसरोवर के तीर्थयात्रियों का 7वां जत्थे रवाना
वहीं, इससे पहले केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने मंगलवार को कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा के लिए सातवें जत्थे को दिल्ली स्थित अपने आधिकारिक आवास से हरी झंडी दिखाई. पटेल ने तीर्थयात्रियों के सातवें समूह से मुलाकात की, जो चीन के तिब्बत में इस पवित्र यात्रा के लिए रवाना हुए.
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मध्य प्रदेश के दमोह से बीजेपी सांसद, पटेल ने अपने संक्षिप्त संबोधन में 21 दिनों की तीर्थयात्रा के धार्मिक विचारों को रेखांकित किया, और श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इसे कोई पर्वतारोहण न समझें.
उन्होंने अपनी पत्नी के साथ नंगे पांव की गई अपनी नर्मदा परिक्रमा का भी जिक्र किया. गौरतलब है कि हर साल सैकड़ों की संख्या में भारतीय नागरिक कैलाश पर्वत की यह यात्रा करते हैं, जिसे भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है.
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