दिल्ली में दो साल बाद लोगों ने ईद पर मस्जिदों में अदा की नमाज

भीषण गर्मी के मद्देनजर कई मस्जिदों ने मंगलवार को सुबह ईद की नमाज के समय में बदलाव किया. कई मस्जिदों में लोगों की बड़ी संख्या को देखते हुए दो पालियों में नमाज अदा की गई.

दिल्ली में दो साल बाद लोगों ने ईद पर मस्जिदों में अदा की नमाज

फतेहपुरी मस्जिद सहित दिल्ली की कई मस्जिदों में मंगलवार को ईद की नमाज अदा की गई.

खास बातें

  • 2 साल बाद लोगों ने ईद पर मस्जिदों में अदा की नमाज
  • दिल्ली की कई मस्जिदों में मंगलवार को ईद की नमाज अदा की गई
  • मस्जिदों में दो पालियों में नमाज अदा की गई

नई दिल्ली: कोविड-19 वैश्विक महामारी संबंधी पाबंदियों में छूट के साथ ही, दो साल बाद ऐतिहासिक जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद सहित दिल्ली की कई मस्जिदों में मंगलवार को ईद की नमाज अदा की गई. कोविड-19 के मामले कम होने के बाद सरकार ने पाबंदियों में छूट दी है. भीषण गर्मी के मद्देनजर कई मस्जिदों ने मंगलवार को सुबह ईद की नमाज के समय में बदलाव किया. कई मस्जिदों में लोगों की बड़ी संख्या को देखते हुए दो पालियों में नमाज अदा की गई. नमाज शांतिपूर्ण तरीके से अदा हो पाए, इसके लिए प्रमुख धार्मिक स्थलों और शहर के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. 

दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है. नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे के गले मिल कर ईद की मुबारकबाद दी. जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा, ‘‘ ईद की नमाज सूर्योदय के बाद सुबह आठ से नौ बजे के बीच अदा की जाती है. इस बार गर्मी के प्रकोप को देखते हुए हमने इसे थोड़ा पहले अदा किया''

ईद की नमाज जामा मस्जिद में सुबह छह बजे अदा की गई. फतेहपुरी, सुनहरी मस्जिद, शाहजहानी मस्जिद, भूरी भटियारी और ढाका मस्जिद सहित कई अन्य मस्जिदों में भी सुबह छह से सात बजे के बीच नमाज अदा की गई. आजाद मार्केट में जंगलेवाली मस्जिद और कुछ अन्य मस्जिदों में दो पालियों में नमाज अदा की गई, ताकि लोग आराम से नमाज अदा कर पाएं. कोविड-19 संबंधी पांबदियों के कारण पिछले दो साल से लोग ईद पर घर में ही नमाज अदा कर रहे थे, क्योंकि धार्मिक स्थल बंद थे.

इस बीच, दिल्ली पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया और अफवाह फैलाने वालों तथा सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी. एहतियाती कार्रवाई के तौर पर फ्लैग मार्च निकाले गए और अमन कमेटी ने बैठकें भी की. अमन कमेटी या शांति समिति में सभी समुदायों के लोग शामिल होते हैं, जो इलाके में अपने-अपने समुदायों के सदस्यों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करते हैं. वे लोगों से कोई भी अप्रिय घटना की जानकारी पुलिस को देने का आग्रह भी करते हैं.

पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम) ऊषा रंगनानी ने कहा, ‘‘ हमने जिले भर में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है. सभी क्षेत्रों में अमन-चैन कायम रखने के लिए हमेशा की तरह अमन कमेटी की बैठकें आयोजित की गईं.'' पुलिस ने कहा कि विभिन्न मस्जिदों के परिसरों में पैदल और मोटरसाइकिल पर गश्त की गई और मौलवियों को लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर अदालत के दिशानिर्देशों के बारे में बताया गया. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)