
- अमूल गर्ल को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसकी प्रेरणा शोभा थरूर श्रीनिवासन की बचपन की तस्वीर से ली गई थी.
- शशि थरुर की बह शोभा थरूर ने कहा कि शायद वो पहली अमूल बेबी थीं लेकिन पक्के तौर पर कुछ नहीं कह सकतीं.
- अमूल कंपनी ने आधिकारिक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि अमूल गर्ल का मस्कट शोभा थरूर से प्रेरित नहीं था.
सफेद-लाल रंग की पोल्का डॉटेड फ्रॉक में अटरली-बटरली अमूल गर्ल (Amul girl) को भला कौन नहीं जानता. 1966 में 'जन्मी' वो अमूल गर्ल आज भी प्यारी-सी बच्ची ही है. हमारे दिलों को गुदगुदाने वाली बच्ची. हमारे सुख-दुख की सहभागी बच्ची. होली-दिवाली और ईद-क्रिसमस से लेकर हॉकी, क्रिकेट वर्ल्ड कप में जीत के जश्न तक... अमूल गर्ल हमारी साझीदार रही है. कभी हंसाती, कभी आंसू पोंछती तो कभी समसामयिक मुद्दों पर चुटकी लेती. लेकिन ये अमूल गर्ल है कौन? इस कैरेक्टर को जन्म देने वाले मार्केटिंग स्पेशलिस्ट सिल्वेस्टर दाकुन्हा (Sylvester daCunha) ने आखिर किसे देखकर अमूल गर्ल का कैरेक्टर गढ़ा?
क्या ये 'अमूल गर्ल' कांग्रेस सांसद शशि थरुर की बहन है? क्या शोभा थरूर से ही प्रेरित होकर दाकुन्हा ने अमूल गर्ल का कैरेक्टर गढ़ा? उनकी फोटो दाकुन्हा तक पहुंची कैसे? दाकुन्हा का शशि थरुर की फैमिली से कोई संबंध भी है क्या? आखिर क्यों किया जा रहा ये दावा? यहां हम बता रहे हैं कि आखिर क्या है पूरी कहानी.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया कि ये अमूल गर्ल शशि थरूर की बहन शोभा थरूर श्रीनिवासन की बचपन की तस्वीर से प्रेरित है. इस दावे के बाद इस चर्चा ने जोर पकड़ ली कि क्या सच में ऐसा है.
मार्केटिंग कंसल्टेंट और स्पीकर डॉ संजय अरोड़ा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर ये वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि अमूल गर्ल का असली 'प्रेरणा' शोभा थरूर के बचपन की तस्वीर थी. इस दावे के साथ ये वीडियो वायरल हो गया.

क्या शशि थरूर की बहन से है अमूल गर्ल का कनेक्शन?
ऐसा दावा करने वाले वीडियो और इस चर्चा को और बल मिला, जब खुद शोभा थरूर ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी. इसके बाद डॉ अरोड़ा ने लिखा, 'देख लीजिए, शोभा थरूर श्रीनिवासन ने खुद इस बात को सराहा है.' इस वीडियो को 18 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं.
क्या बताई जा रही है कहानी?
1960 के दशक में अमूल एक छोटा ब्रांड था और उस समय पोलसन बटर (Polson Butter) नाम से जाना जाता था. पोलसन ने अपने विज्ञापन में एक स्वीट और सॉफ्ट सी बटर गर्ल को दिखाया था. फिर अमूल के एडवर्टाइजमेंट हेड सिल्वेस्टर दाकुन्हा को एक ऐसी पहचान बनाने की जिम्मेदारी मिली, जो पोलसन से बिल्कुल अलग और ध्यान खींचने वाली हो.
1966 में उन्होंने मासमू चेहरे वाली बच्ची की तलाश शुरू की, लेकिन 700 से ज्यादा तस्वीरें देखने के बाद भी उनको मन मुताबिक चेहरा नहीं मिला. उन्हें अपने दोस्त चंद्रन थरूर (शशि थरूर के पिता) याद आए और उन्होंने उनके बच्चों की तस्वीरें मंगवाईं. लिफाफा खोला तो उन्हें एक 10 महीने की बच्ची की तस्वीर दिखी, जिसकी छोटी सी चोटी थी. ये तस्वीर उन्हें पसंद आई और यहीं से अमूल गर्ल की प्रेरणा मिली. दावा किया जा रहा है कि वो बच्ची शोभा थरूर श्रीनिवासन थीं.
शोभा थरूर बोलीं- पक्का नहीं पता
अमेरिका में रह रही शोभा थरूर ने भी इस दावे पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने X पर लिखा, 'मुझे डॉ संजय अरोड़ा का यह वीडियो कई दोस्तों से मिला. हां, मैं पहली अमूल बेबी थी. हां, श्याम बेनेगल ने मेरी तस्वीरें खींची थीं. मेरी बहन स्मिता थरूर दूसरी कलर कैंपेन में थीं. हो सकता है ये सच हो, लेकिन हमें पक्का नहीं पता.'
अमूल का आधिकारिक बयान
वीडियो वायरल होने के बाद अमूल कंपनी ने सामने आकर इस दावे को खारिज किया. अमूल ने बयान जारी करते हुए कहा, 'हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि अमूल गर्ल का चित्रण शोभा थरूर से प्रेरित नहीं था. इसे 1960 के दशक में सिल्वेस्टर दा कुन्हा और इलस्ट्रेटर यूस्टेस फर्नांडिस ने बनाया था.'

कौन थे सिल्वेस्टर दाकुन्हा?
सिल्वेस्टर दाकुन्हा सिर्फ एक बिजनेसमैन या मार्केटिंग गुरु नहीं थे, बल्कि वो एक दूरदर्शी सोच वाले व्यक्ति थे. उन्होंने विज्ञापन की दुनिया में कई कमाल किए, लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान है अमूल गर्ल को जन्म देना.
मुंबई में पले-बढ़े सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने मार्केटिंग और एड बिजनेस की दुनिया में अपनी एक खास जगह बनाई. 1966 में उन्होंने जो अमूल गर्ल बनाई, वो सिर्फ एक लोगो नहीं थी, बल्कि एक ऐसा किरदार बन गई जिसने अमूल को घर-घर पहुंचाया.
जाने-माने ऐड गुरु भरत दाभोलकर ने सिल्वेस्टर दाकुन्हा को याद करते हुए कहा कि कुछ लोग खास तौर पर क्रिएटिव होते हैं, और कुछ दूसरों की क्रिएटिविटी को पहचानते हैं. लेकिन सिल्वेस्टर दाकुन्हा में ये दोनों खूबियां थीं. दाभोलकर उन्हें अपना गुरु मानते हैं, जिन्होंने उन्हें विज्ञापन और थिएटर, दोनों की दुनिया से मिलाया.
'अमूल गर्ल' के जरिए छा गई कंपनी
अमूल गर्ल का लाल और सफेद पोल्का डॉट ड्रेस में नजर आना, आज भी हम सभी को याद है. यह प्यारी सी बच्ची हर बड़े मौके पर अपनी होर्डिंग्स के जरिए देश के लोगों से जुड़ती रही. यह सब सिल्वेस्टर दाकुन्हा की सोच का ही नतीजा था.
दरअसल, अमूल के संस्थापक डॉ वर्गीज कुरियन ने बॉम्बे एडवरटाइजिंग एजेंसी को अमूल के विज्ञापन की जिम्मेदारी दी थी. उस समय टीवी और अखबारों में विज्ञापन देना काफी महंगा था. इसलिए सिल्वेस्टर ने होर्डिंग्स के लिए एक ऐसा कैंपेन बनाने का फैसला किया जो यादगार और किफायती भी हो.
सिल्वेस्टर ने अपनी टीम के आर्ट डायरेक्टर यूस्टेस फर्नांडीस के साथ मिलकर अमूल गर्ल का कार्टून बनाया. उनकी पत्नी, निशा दाकुन्हा ने इस कैंपेन को एक यादगार टैगलाइन दी- 'अटरली बटरली अमूल'. यह टैगलाइन आज भी भारतीय विज्ञापन जगत की सबसे सफल टैगलाइनों में से एक है.
1969 में, सिल्वेस्टर और उनके भाई गर्सन दाकुन्हा ने मिलकर अपनी कंपनी, दाकुन्हा कम्युनिकेशंस शुरू की. यहां से उन्होंने अमूल गर्ल के कार्टून बनाना जारी रखा. आज भी सिल्वेस्टर के बेटे राहुल दाकुन्हा इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं और अमूल गर्ल देश-दुनिया में अपनी होर्डिंग्स के जरिए लोगों को गुदगुदा रही है.
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