Vastu Shastra: घर के हर हिस्से में रखे जाने वाले सामान, दिशाओं (Directions) और दीवारों के रंग को लेकर जरूरी सलाह वास्तु शास्त्र में मौजूद है. बाथरूम से लेकर बेडरूम और लिविंग रूम से लेकर किचन (Kitchen) तक के लिए वास्तु शास्त्र के कुछ नियम हैं. वास्तु में विश्वास करने वाले मानते हैं कि इन नियमों का सही तरीके से पालन करने से घर में आर्थिक तंगी नहीं होती और घर में लोग स्वस्थ और सुरक्षित रहते हैं. घर की किस दिशा में वास्तु शास्त्र के अनुसार अनाज (Grains) रखना चाहिए और कहां नहीं आइए जानें.
अनाज भंडारण से संबंधित वास्तु टिप्स
अब भी बहुत से घरों में साल भर का अनाज एक साथ खरीद कर रख लिया जाता है या जिनकी अपनी खेती है वहां खेतों से भी अनाज लाकर घरों में रखा जाता है. इस तरह साल भर तक अनाज के भंडारण के लिए सही इंतजाम करना भी जरूरी है नहीं तो अनाज के खराब होने का डर होता है. अनाज के भंडारण के लिए सही जगह का चयन बहुत अहम है. माना जाता है कि अनाज या रसोई के अन्य सामानों को रखने के लिए वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन किया जाए तो इससे घर में अन्न और धन से जुड़ी दिक्कतें नहीं होती.
- वास्तु शास्त्र के मुताबिक अगर आप रसोई घर में ही अनाज का भंडारण करने के लिए व्यवस्था कर रहे हैं तो इसके लिए किचन की उत्तर-पश्चिम दिशा यानी वायव्य कोण सबसे अच्छा माना जाता है. कहते हैं कि इस कोण में सामान रखने से घर में कभी भी किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होती.
- खाने-पीने की जिस भी चीज को लंबे वक्त के लिए स्टोर करना है उसे नैत्रत्य कोण यानी कमरे के दक्षिण-पश्चिम (South west) के मध्य स्थान में रखना अच्छा माना जाता है.
- अनाज भंडारण के लिये अलग से स्टोर रूम (Store Room) तैयार कर रहे हैं तो इसके लिए भी घर का वायव्य कोण बेहतरीन माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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