Garuda Purana For Life: हिंदू धर्म में वेद (Vedas) और पुराणों (Puranas) को खास महत्व दिया गया है. पुराण 18 हैं. जिसमें से एक गरुड़ पुराण (Garuda Purana) भी है. गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की महिमा का वर्णन किया गया है. साथ ही उनकी भक्ति के बारे में भी विस्तार से वर्णन किया गया है. गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में व्यक्ति को कुछ गलतियों से बचने के लिए कहा गया है. कहा गया है कि ये गलतियां इंसान के सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल देती हैं. ऐसे में गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के मुताबिक जानते हैं कि इंसान को किन गलतियों से बचकर रहना चाहिए.
दूसरों की खुशी से ना करें ईर्ष्या
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरे की खुशी से जलन की भावना रखते हैं. गरुड़ पुराण के मुताबिक उनकी ये जलन उन्हें अंदर ही अंदर खोखला कर देती है. ऐसे में किसी भी इंसान को दूसरों की खुशी को देखकर ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए.
स्वच्छता का रखें ध्यान
गरुड़ पुराण के अनुसार, मां लक्ष्मी का वास उसी स्थान पर होता है जहां स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है. साथ ही जो लोग मैले और गंदे कपड़े पहनते हैं, उनके पास मां लक्ष्मी नहीं टिकती हैं. ऐेसे लोगों को संपूर्ण जीवन निर्धनता में गुजरता है. इसलिए हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए.
धन के अहंकार से रहें दूर
कहा भी गया है कि धन तो जरूरी है, लेकिन वह सबकुछ नहीं है. गुरुड़ पुराण की मानें तो धन आने पर व्यक्ति को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए. दरअसल धन के अहंकार में इंसान जाने-अनजाने में दूसरों का अपमान कर बैठता है. जिससे उसे समाज में भी अपमान झेलना पड़ता है. साथ ही धन की देवी लक्ष्मी भी उसके पास से चली जाती हैं.
आलस्य और निंदा से रहें दूर
गरुड़ पुराण के मुताबिक हर इंसान की आयु तय है. ऐसे में जो भी समय मिला है, उसमें कुछ अच्छा करना चाहिए. अपने समय को दूसरों की निंदा करने के सिवाय अच्छे कर्मों में लगाना चाहिए. इसके अलावा व्यक्ति को आलस्य का त्याग करना चाहिए. गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग समय को बर्बाद करते हैं, वे हमेशा दुखी रहते हैं.
रात में दही के सेवन से करें परहेज
गरुड़ पुराण में खान-पान के बारे में भी बताया गया है. गरुड़ पुराण के मुताबिक दही का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन इसे रात में खाने से परहेज करना चाहिए. रात के समय दही खाने से शरीर में एसिट की मात्रा बढ़ जाती है. जिससे अच्छी नींद नहीं आती है और बेचैनी बढ़ने लगती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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