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Famous Hanuman Temple: बजरंगी के इस पावन धाम पर हनमुत समेत पांचों भाईयों के एक साथ होते दर्शन

हिंदू धर्म में बल, बुद्धि और विद्या के सागर माने जाने वाले हनुमान जी एक ऐसा मंदिर जहां आपको बजरंगी के साथ पांचों भाईयों के दर्शन और पूजन करने सौभाग्य प्राप्त होता है. आखिर कहां है यह हनुमत धाम और क्या है इस मंदिर का धार्मिक महत्व, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

Famous Hanuman Temple: बजरंगी के इस पावन धाम पर हनमुत समेत पांचों भाईयों के एक साथ होते दर्शन
Vrindavan Hanuman Temple: हनुमान जी के 5 भाईयों वाला मंदिर

Famous Hanuman Temple of Vrindavan: सनातन परंपरा में मंगलवार का दिन शक्ति का पुंज माने जाने वाले पवन पुत्र हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित है. हिंदू मान्यता के अनुसार चिरंजीवी हनुमान हर युग में मौजूद रहते हैं और भक्तों के द्वारा श्रद्धा से सुमिरन करते ही उनकी मदद के लिए दौड़े चले आते हैं. यही कारण है कि मंगलवार के दिन हनमुत धाम में बजरंगी के भक्तों की भारी भीड़ पहुंचती है. हनुमान जी के देश भर में तमाम पावन धाम में से एक ऐसा भी मंदिर है जहां पर जाने पर आपको बजरंग बली के साथ उनके पांचों भाईयों के एक साथ दर्शन करने को मिलते हैं. आइए जानते हैं कि हनुमान जी के पांच भाईयों वाला मंदिर कहां पर है. 

कहां है हनुमान जी के पांचों भाईयों का मंदिर 

अं​जनि पुत्र हनुमान जी के पांचों भाईयों का मंदिर उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित है. केसरी नंदन कहलाने वाले हनुमान जी का यह मंदिर वृंदावन के अटल्ला चुंगी के पास है. जहां जाने पर आपको न सिर्फ हनुमान जी के पांचों भाईयों के दर्शन होंगे बल्कि उनकी जन्मकुंडली और हनुमान चालीसा का स्तंभ भी देखने को मिलेगा. 

Facebook/ Vrindavan Balaji Devasthan

Facebook/ Vrindavan Balaji Devasthan

कौन हैं हनुमान जी के पांच भाई 

सभी संकटों को पलक झपकते दूर करने वाले राम भक्त हनुमान जी का यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर आपको बजरंगी के साथ उनके पांचों भाईयों के दर्शन और पूजन का सौभाग्य प्राप्त होता है. वृंदावन के इस हनमुत धाम में हनुमान जी के साथ उनके 5 भाई मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान विराजमान हैं. मान्यता है कि मंदिर में हनुमान जी के साथ पांचों भाईयों के दर्शन से सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं. 

पंचमुखी हनुमान की पूजा का महत्व 

जिस तरह हनुमान जी के साथ उनके पांच भाईयों के दर्शन और पूजन का महत्व है, उसी तरह बजरंगी के पंचमुख वाली मूर्ति की पूजा का भी महत्व माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार अहिरावण वध के समय लिया था. हनुमान जी के इन पांच मुख में से वानरमुख का दर्शन शत्रुओं पर विजय दिलाता है तो वहीं गरुण मुख जीवन में आनी वाली समस्त बाधाओं को दूर करता है. इसी प्रकार वराह मुख की पूजा से दीर्घायु प्राप्त होती है तो वहीं नृसिंग मुख की पूजा से सभी चिंताएं दूर होती हैं, जबकि अश्वमुख के दर्शन से जीवन को गति प्रदान होती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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