केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णयों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के चरण 5ए को मंजूरी दे दी है, जिसमें 13 स्टेशन शामिल होंगे. 12,015 करोड़ रुपये की लागत से 16 किलोमीटर लंबी नई लाइन बिछाई जाएगी. इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो नेटवर्क 400 किलोमीटर का आंकड़ा पार कर जाएगा.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल परियोजना के चरण-वीए का निर्माण कार्य तीन साल में पूरा होगा. निर्माण कार्य अधिकतर सुरंग खोदने वाली मशीनों का उपयोग करके भूमिगत रूप से किया जाएगा, जिससे यातायात में न्यूनतम बाधा उत्पन्न होगी.
1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी)
2. एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी)
3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)
- दिल्ली मेट्रो के चरण-V(A) परियोजना के अंतर्गत 16.076 किमी की यह परियोजना राष्ट्रीय राजधानी में कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी.
- दिल्ली मेट्रो के चरण-V(A) परियोजना की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसका वित्तपोषण भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण एजेंसियों द्वारा किया जाएगा.
- सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को जोड़ेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को घर बैठे ही कनेक्टिविटी मिलेगी. इस कनेक्टिविटी से प्रतिदिन लगभग 60,000 कार्यालय जाने वालों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा. ये गलियारे प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवनयापन आसान होगा.

कॉरिडोर.. रामकृष्ण आश्रम - इंद्रप्रस्थ
- दूरी: लगभग 9.9 किलोमीटर
- अनुमानित लागत: ₹9,570.4 करोड़
- स्टेशनों की संख्या: इस खंड पर कुल 8 स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है
- कनेक्टिविटी: यह कॉरिडोर दिल्ली के पुराने और मध्य क्षेत्रों (जैसे नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली के आसपास) को सीधे जोड़ने में मदद करेगा.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि औसतन, प्रतिदिन 65 लाख यात्री दिल्ली मेट्रो का उपयोग करते हैं. व्यस्त दिनों में दिल्ली मेट्रो एक दिन में 80 लाख लोगों को भी ले जाती है.

दिल्ली में आज मेट्रो का ऑपरेशनल नेटवर्क बढ़कर 394.24 किमी तक पहुंच चुका है. 23 साल बाद आज मेट्रो एक लाइन से बढ़कर के 12 मेट्रो लाइनों तक पहुंच चुका है और इसके स्टेशनों की संख्या बढ़कर के 289 तक पहुंच चुकी है.

मेट्रो नेटवर्क की कुल लंबाई के मामले में भारत का आंकड़ा 1,090 किलोमीटर हो गया है. इस सूची में चीन इस सूची में पहले स्थान पर है, जबकि अमेरिका 1,400 किलोमीटर के मेट्रो नेटवर्क के साथ दूसरे स्थान पर है. उन्होंने कहा था कि देश में लगभग 900 किलोमीटर लंबी मेट्रो परियोजनाओं का काम जारी हैं. इनमें से 300 किलोमीटर के जुड़ने के साथ ही भारत अमेरिका को पीछे छोड़ देगा.
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