अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के लिए अपने तीन उम्मीदवारों की घोषणा बुधवार को कर दी. जिन तीन लोगों को राज्यसभा भेजा जा रहा है उनमें पार्टी से पहले से ही जुड़े संजय सिंह, बिजनस मैन सुशील गुप्ता और चार्टर्ड एकाउंट नारायण दास गुप्ता शामिल हैं. राजनीति में आने से पहले ये सभी अपने-अपने क्षेत्र में खासे सक्रिय रहे हैं.
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1- राजनीति में आने से पहले संजय सिंह लंबे समय तक समाज सेवा से जुड़े रहे हैं. यूपी में रहते हुए उन्होंने लगभग 20 वर्षों तक रेहड़ी पटरी वालों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई. वर्ष 2011 में अन्ना आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. संजय सिंह मूल रूप से उत्तर-प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने समाज सेवा से जुड़ने से पहले वर्ष 1990 में माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है. वर्ष 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नाम से शुरू हुए अन्ना आंदोलन में हिस्सा लेने के बाद संजय सिंह राजनीति में सक्रिय हो गए. वह आम आदमी पार्टी को स्थापित करने वाले सदस्यों में शामिल रहे हैं. इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ गोमती नदी को साफ करने को लेकर भी आंदोलन किया था. उन्होंने गोमती नदी की सफाई के नाम पर हुए भ्रष्टाचार को भी उजागर किया.
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2- दिल्ली के रहने वाले सुशील गुप्ता शुरू से ही समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े रहे हैं. 1 मई 1961 को पैदा हुए सुशील गुप्ता आज दिल्ली के बड़े बिजनेस मैन में से एक हैं. दिल्ली समेत देश के अलग-अलग शहरों में गंगा इंटनेशनल स्कूल के नाम से उनके कई स्कूल हैं. सुशील गुप्ता ने बी.कॉम, एलएलबी, एमबीए और डी. लिट तक की पढ़ाई की है. सुशील गुप्ता को उनके शिक्षा में योगदान के अलावा आम लोगों के लिए किए गए कार्यों के लिए भी सराहा जाता रहा है. खास तौर पर आम लोगों के स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए नजफगढ़ ड्रेन की सफाई कराने के लिए विशेष अभियान भी चलाया.
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3- देश में जाने माने चार्टर्ड एकाउंटेंट में से एक नारायण दास गुप्ता राज्यसभा के लिए आप पार्टी द्वारा चुना गया तीसरा नाम है. नारायण दास गुप्ता शुरू से ही सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं. उन्हें अपने प्रयास के लिए कई बार सम्मानित भी किया गया है. एनडी गुप्ता ने बिजनेस और अकाउंटिंग से जुड़ी कई किताबों के लेखक भी रहे हैं.
VIDEO: केजरीवाल ने टिकट को लेकर किया बड़ा एलान
वह आईसीएआई के वाइस प्रेसिडेंट भी रहे हैं. सीए रहते हुए उन्होंने 20 से बड़े पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं.
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1- राजनीति में आने से पहले संजय सिंह लंबे समय तक समाज सेवा से जुड़े रहे हैं. यूपी में रहते हुए उन्होंने लगभग 20 वर्षों तक रेहड़ी पटरी वालों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई. वर्ष 2011 में अन्ना आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. संजय सिंह मूल रूप से उत्तर-प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने समाज सेवा से जुड़ने से पहले वर्ष 1990 में माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है. वर्ष 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नाम से शुरू हुए अन्ना आंदोलन में हिस्सा लेने के बाद संजय सिंह राजनीति में सक्रिय हो गए. वह आम आदमी पार्टी को स्थापित करने वाले सदस्यों में शामिल रहे हैं. इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ गोमती नदी को साफ करने को लेकर भी आंदोलन किया था. उन्होंने गोमती नदी की सफाई के नाम पर हुए भ्रष्टाचार को भी उजागर किया.
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वह आईसीएआई के वाइस प्रेसिडेंट भी रहे हैं. सीए रहते हुए उन्होंने 20 से बड़े पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं.
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