विद्युत रोशनी से जगमगाता सुप्रीम कोर्ट भवन.
नई दिल्ली:
देश की न्यायपालिका का प्रतीक सुप्रीम कोर्ट इस साल से अनूठी शुरुआत करने जा रहा है. 15 अगस्त को आजादी के जश्न में सुप्रीम कोर्ट भी अपने इतिहास में पहली बार संसद भवन की तरह रोशनी से जगमगाएगा. पूरे सुप्रीम कोर्ट को इसके लिए सजा दिया गया है. यह पहले खुद चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने की है.
दरअसल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के लाल किला पर झंडा फहराने और भाषण देने के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है. इसमें चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के जजों के अलावा कानून मंत्री भी हिस्सा लेते हैं. लेकिन इस बार का आजादी का जश्न सुप्रीम कोर्ट के लिए और भी खास हो गया है क्योंकि पिछले कई दिनों से सुप्रीम कोर्ट के चप्पे-चप्पे पर लाइटें लगाने का काम चल रहा था जो कि पूरा हो चुका है.
सूत्रों के मुताबिक कोर्ट परिसर में सुप्रीम कोर्ट परिसर का रखरखाव करने वाले सीपीडब्लूडी ने चप्पे-चप्पे पर करीब 50 हजार बल्ब लगाए हैं और इनकी टेस्टिंग चल रही है. सूत्रों ने बताया कि खुद चीफ जस्टिस इस पहल की अगुवाई कर रहे हैं. उन्होंने बाकायदा विभाग को इस रोशनी की मंजूरी भी दी है. सुप्रीम कोर्ट में आने वाले वकील इस कदम का स्वागत कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह कदम कई मायनों में खास हो जाता है क्योंकि देश के संविधान ने न्यायपालिका को अधिकार दिए हैं और स्वतंत्रता दिवस के दिन जब न्यायपालिका का मंदिर रोशनी से जगमगाएगा तो आजादी का जश्न कई गुना बढ़ जाएगा.
दरअसल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के लाल किला पर झंडा फहराने और भाषण देने के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है. इसमें चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के जजों के अलावा कानून मंत्री भी हिस्सा लेते हैं. लेकिन इस बार का आजादी का जश्न सुप्रीम कोर्ट के लिए और भी खास हो गया है क्योंकि पिछले कई दिनों से सुप्रीम कोर्ट के चप्पे-चप्पे पर लाइटें लगाने का काम चल रहा था जो कि पूरा हो चुका है.
सूत्रों के मुताबिक कोर्ट परिसर में सुप्रीम कोर्ट परिसर का रखरखाव करने वाले सीपीडब्लूडी ने चप्पे-चप्पे पर करीब 50 हजार बल्ब लगाए हैं और इनकी टेस्टिंग चल रही है. सूत्रों ने बताया कि खुद चीफ जस्टिस इस पहल की अगुवाई कर रहे हैं. उन्होंने बाकायदा विभाग को इस रोशनी की मंजूरी भी दी है. सुप्रीम कोर्ट में आने वाले वकील इस कदम का स्वागत कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह कदम कई मायनों में खास हो जाता है क्योंकि देश के संविधान ने न्यायपालिका को अधिकार दिए हैं और स्वतंत्रता दिवस के दिन जब न्यायपालिका का मंदिर रोशनी से जगमगाएगा तो आजादी का जश्न कई गुना बढ़ जाएगा.
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