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This Article is From Jan 19, 2016

रक्षा मंत्रालय को नहीं ऊर्जा संरक्षण की फिक्र, सामान्य बल्बों से की सजावट

रक्षा मंत्रालय को नहीं ऊर्जा संरक्षण की फिक्र, सामान्य बल्बों से की सजावट
रायसीना हिल्स का फाइल फोटो।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेशक अपने दफ्तर साउथ ब्लॉक में एक बल्ब की जगह एलईडी बल्ब लगाकर सारे सरकारी महकमों को यह संदेश दिया हो कि वे भी अपने महकमों में एलईडी या सीएफएल लगाकर बिजली बचाएं लेकिन यह संदेश रक्षा मंत्रालय तक नहीं पहुंचा। यही वजह है कि गणतंत्र दिवस पर इस बार भी पूरे नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को आम बल्बों से ही सजाया गया है।

ऊर्जा संरक्षण पर सौंदर्यशास्त्र की जीत
एक सीनियर अफसर ने NDTV इंडिया को बताया  " इस बार सीएफएल लगाए जाने थे, लेकिन सीएफएल की रोशनी वह इफेक्ट नहीं दे पा रही थी, इसीलिए सीएफएल की जगह आम बल्ब ही लगाए गए।" यानी ऊर्जा संरक्षण पर सौंदर्यशास्त्र की जीत हुई और प्रधानमंत्री का "प्रकाश पथ" का संदेश फेल हो गया।

नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में हजारों बल्बों की रोशनी
हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर पूरे नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को सजाया जाता है। कई हजार बल्ब नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को जगमग करने के लिए लगाए जाते हैं।  जानकारी के मुताबिक सीपीडब्लूडी करीब एक लाख चालीस हजार बल्ब रायसीना हिल्स में लगाती है। सीपीडब्लूडी की जिम्मेदारी सिर्फ इतनी होती है कि सब बल्ब जगमगाएं। भारत सरकार बेशक सीएफएल लगाने का पाठ देश भर को पढ़ा रही हो उसकी बात न तो रक्षा मंत्रालय और न CPWD मान रहा है।

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