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This Article is From Apr 28, 2016

दिल्ली : हिंदू कॉलेज में 'ड्रेस कोड' के फरमान के बाद छात्रों का विरोध, प्रिंसिपल ने मानी गलती

दिल्ली : हिंदू कॉलेज में 'ड्रेस कोड' के फरमान के बाद छात्रों का विरोध, प्रिंसिपल ने मानी गलती
नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज का प्रशासन अपने नए नियमों के बाद विवादों के घेरे में आ गया है। हिंदू कॉलेज ने साल के नए प्रोसपेक्टस में लड़कियों के होस्टल से जुड़े कुछ ऐसे नियम लिखे हैं जिन पर आपत्ति जताई जा रही है। कॉलेज ने अपने सूचि पत्र में लड़कियों के 'पहनावे' से जुड़े कुछ नियम तय किए हैं जिसके तहत लिखा गया है कि 'होस्टल निवासियों से उम्मीद की जाती है कि डायनिंग हॉल, अतिथि गृह और होस्टल या कॉलेज की अन्य जगहों पर जाने से पहले उनका पहनावा समाज के तय किए गए कायदों के अनुरूप हो।' अगर जरूरत पड़ी तो नोटिस बोर्ड पर ड्रेस कोड भी जारी कर दिया जाएगा।'

'ड्राफ्टिंग में गलती'
हालांकि कड़ी आलोचना और विरोध प्रदर्शन के बाद कॉलेज ने इस सूचना के दूसरे हिस्से को हटा दिया जिसमें ड्रेस कोड के जारी किए जाने की बात कही गई थी। कॉलेज के इस नोटिस का विरोध सिर्फ हिंदू महाविद्यालय में ही नहीं बल्कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजों में किया जा रहा है। एक तरफ जहां देश की कई यूनिवर्सिटी में अलग अलग मुद्दों पर छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी बात रख रहे हैं, ऐसे में हिंदू कॉलेज के इस तरह के फरमान का भी बच निकलना मुमकिन नहीं था। हालांकि अंग्रेज़ी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कॉलेज की कार्यवाहक प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव का कहना है कि 'छात्रों की मांग पर हमने ड्रेस कोड वाला प्रावधान हटा दिया है। हमें इस सूचि पत्र की ड्राफ्टिंग ध्यान से करनी चाहिए थी जिसमें हम से चूक हुई है। छात्र अपनी मर्जी़ से कपड़े पहन सकते हैं।'

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