- सफदरजंग अस्पताल के एनेस्थीसिया रेजिडेंट्स ने 28 नवंबर की घटना के बाद सभी ओटी और ओपीडी सेवाएं बंद कर दी हैं
- रेजिडेंट्स और प्रशासन के बीच हुई सहमति के बावजूद विभागाध्यक्ष ने लिखित माफी देने से इंकार कर दिया है
- प्रशासन की माफी न मांगने की स्थिति के कारण रेजिडेंट्स ने अपनी सेवाएं रोकने का निर्णय लिया है
सफदरजंग अस्पताल के एनेस्थीसिया रेज़िडेंट्स ने आज से सभी इलेक्टिव ओटी और ओपीडी सेवाएं न देने का फैसला किया है. रेजिडेंट्स 28 नवंबर को CTVS ICU में एनेस्थीसिया के एक सीनियर रेज़िडेंट के साथ विभागाध्यक्ष द्वारा कथित मौखिक और शारीरिक दुर्व्यवहार की घटना से नाराज हैं. इनका कहना है कि शिकायत दर्ज हुए 72 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका है. लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई माफी नहीं मांगी गई है.
बताया जा रहा है कि कई बैठकों के बाद रेज़िडेंट्स, RDA और प्रशासन के बीच एक सहमति बनी थी कि एचओडी डॉ. अनुभव गुप्ता घटना स्थल पर मौखिक माफी देंगे. वे लिखित और बिना शर्त माफी पत्र प्रशासन को सौंपेंगे. निदेशक एक आधिकारिक पत्र जारी करेंगे जिसमें माफी की पुष्टि होगी. लेकिन अगले ही दिन प्रशासन अपनी सहमति से पीछे हट गया और कहा कि वह किसी भी पत्र में 'माफी' शब्द नहीं लिखेगा.
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प्रशासन के इस फैसले से नाराज़ होकर सभी एनेस्थीसिया रेज़िडेंट्स पीजी और सर ने तुरंत प्रभाव से अपनी इलेक्टिव सेवाएं रोकने का निर्णय लिया है. RDA का कहना है कि स्थिति की पूरी ज़िम्मेदारी प्रशासन की है, क्योंकि वह आपसी सहमति पर टिक नहीं पाया. 2 दिसंबर को सफदरगंज हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. संदीप बंसल के कार्यालय ने आदेश जारी कर बताया था कि एक जांच समिति बनाई गई है, जो तुरंत मामले की जांच शुरू करेगी.
निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए, अगली वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. मंजू गुप्ता को जांच पूरी होने तक CTVS विभाग का कार्यवाहक HOD नियुक्त किया गया है. डॉक्टरों के एसोसिएशन FAIMA ने भी सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंस की प्रदर्शन का समर्थन किया है. एक्स पर पोस्ट कर लिखा है कि जब तक रेजिडेंट्स डॉक्टर की मांगें नहीं मानी जाती, हम उनके साथ खड़े हैं.
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