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This Article is From Nov 15, 2018

पब्लिक ट्रांसपोर्ट Vs निजी वाहन: जानें- दिल्ली में सफर के लिए कौन बचाएगा आपका पैसा और समय

पब्लिक ट्रांसपोर्ट से 14.5 किलोमीटर का सफर तय करने में 46 मिनट लग गए जबकि कार से 18 किलोमीटर का सफर 29 मिनट में तय हो गया.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट Vs निजी वाहन: जानें- दिल्ली में सफर के लिए कौन बचाएगा आपका पैसा और समय
प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली: कभी आपने सोचा है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर कर जब आप अपनी मंजिल पर पहुंचते हैं तो कितना समय लगता है और जब उसी मंजिल पर अपने निजी वाहन से पहुंचते हैं तो कितना समय लगता है? दोनों में खर्च कितना आता है? हमने ये जानने की कोशिश तो पता चला कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने पर आपका हमारा 50% समय बर्बाद हो जाता है. पढ़ें ये पूरी रिपोर्ट...

दरअसल बात चल रही है कि अगर दिल्ली में प्रदूषण काबू में नहीं आया और खतरनाक स्तर पर चला गया तो सड़कों पर केवल सीएनजी गाड़ियों को ही चलने की इजाजत होगी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त EPCA ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी को यह सुझाव दिया है. यानी पेट्रोल-डीजल से चलने वाले निजी वाहन की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट से काम चलाना पड़ेगा. लेकिन दिल्ली इसके लिए कितनी तैयार है? है भी या नहीं? हमने ये जानने के लिए दिल्ली के आईटीओ के पास दिल्ली सरकार के हेड क्वार्टर दिल्ली सचिवालय से गाजियाबाद के वसुंधरा के अटल चौक तक और फिर अटल चौक से वापस दिल्ली सचिवालय तक सफर करने का फैसला किया.

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दिल्ली सचिवालय से लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन
दिल्ली सचिवालय से लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन तक हमने डीटीसी बस में सफर किया. बस में भीड़ बहुत थी और सीट नहीं मिली. दिल्ली में इस समय कुल 5582 सरकारी बसें हैं, जिनमें 1275 डीटीसी की एसी बसें, 2607 नॉन एसी बसें और 1700 क्लस्टर की बसें हैं, जबकि जरूरत 11,000 बसों की है. दिल्ली सचिवालय से लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन तक 2.5 किलोमीटर का सफर हमने 13 मिनट में तय किया.

लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन से गाजियाबाद के वैशाली मेट्रो स्टेशन
लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन से वैशाली मेट्रो स्टेशन तक हमने मेट्रो में सफर किया. मेट्रो का सफर सुगम और समय बचाने वाला तो है लेकिन इसमें सीट तो छोड़िए पीक आवर में सांस भी नहीं ले सकते. मेट्रो वे लोग भी इस्तेमाल करते हैं, जिनके पास कार/बाइक हैं. मेट्रो स्टेशन पर बनी पार्किंग में कार और टू व्हीलर की भीड़ इस बात की गवाह है. लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन से वैशाली मेट्रो स्टेशन तक 9 किलोमीटर का सफर 19 मिनट में तय किया यानी अब तक 11.5 किलोमीटर का सफर तय करने में 32 मिनट लग चुके हैं.

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वैशाली मेट्रो स्टेशन से अटल चौक वसुंधरा
अब हमने वैशाली मेट्रो स्टेशन से वसुंधरा के अटल चौक तक पहुंचने के लिए एक शेयर ऑटो लिया. तीन किलोमीटर का सफर 14 मिनट में पूरा हुआ और आखिरकार हम अपनी मंजिल पर पहुंच गए. दिल्ली सचिवालय से गाजियाबाद के वसुंधरा के अटल चौक तक पहुंचने में 14.5 किलोमीटर का सफर तय किया और कुल 46 मिनट लगे. 

अटल चौक वसुंधरा से दिल्ली सचिवालय
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करके हम देख चुके तो अब अटल चौक वसुंधरा से दिल्ली सचिवालय तक जाने के लिए अलग से एक टैक्सी ली. इस बार हमने कुल 18 किलोमीटर का सफर तय किया लेकिन केवल 29 मिनट लगे. जबकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में 14.5 किलोमीटर का सफर तय करने में 46 मिनट लगे थे.

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कितना हुआ खर्च?
दिल्ली सचिवालय से लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन तक डीटीसी बस में 10 रुपए का किराया लगा. लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन से वैशाली मेट्रो स्टेशन तक किराए के 30 रुपए लगे. वैशाली मेट्रो स्टेशन से अटल चौक वसुंधरा तक शेयर ऑटो में 10 रुपए दिए. यानी 50 रुपए में हम अपनी मंजिल तक पहुंचे. वहीं अलग से टैक्सी लेने पर हमने 350 रुपये चुकाए, जिसमें 100 का नगर निगम का टोल था जो दिल्ली में दाखिल होते वक्त देना पड़ता है.

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क्या निकला नतीजा?
पब्लिक ट्रांसपोर्ट से  14.5 किलोमीटर का सफर तय करने में 46 मिनट लग गए जबकि कार से 18 किलोमीटर का सफर 29 मिनट में तय हो गया. निजी वाहनों के मुकाबले पब्लिक ट्रांसपोर्ट सस्ता तो पड़ता है लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट में प्राइवेट के मुकाबले 50 फीसदी समय ज्यादा बर्बाद होता है. दिल्ली में डीटीसी और क्लस्टर बसें जरूरत से 50 फीसदी कम हैं जबकि मेट्रो सुगम तो है, लेकिन उसमें पीक आवर में सांस लेना भी चुनौती बन जाती है. इसलिए लोग दिल्ली के 80,000 ऑटो और 1.5 लाख टैक्सियों पर पहले से निर्भर हैं. ये हाल तब है जब सभी तरह का ट्रांसपोर्ट उपलब्ध है. लेकिन अगर प्राइवेट वाहन बंद कर दिए तो सोचिए कैसी मारामारी झेलनी पड़ेगी.

दिल्ली में कितना तैयार है पब्लिक ट्रांसपोर्ट?

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